उज्जैन। रामायण 'सर्किट' एक्सप्रेस के नाम पर नया विवाद शुरू हो गया है. अखाड़ा परिषद के पूर्व महामंत्री परमहंस डॉ अवदेष पूरी जी महाराज ने रेलवे मिनिस्टर को एक लेटर लिखा है, जिसमें रामायण सर्किट एक्सप्रेस ट्रेन में संतो के पहनावे जैसी ड्रेस वेटर को पहनाने और ट्रेन के नाम में सर्किट शब्द पर आपत्ति जताई है और 12 दिसंबर को बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन की बात कही है.
परमहंस डॉ अवदेष पूरी जी महाराज ने रामायण 'सर्किट' एक्सप्रेस के नाम में आ रहे 'सर्किट शब्द पर विरोध दर्ज कर लेटर लिखा और कहा कि वेटरों को धर्मिक ड्रेस पहना कर संतो की वेशभूषा में पेश करना गलत है. ऐसा करके करोड़ो लोगों की भावनाओं को उनकी आस्था को चोट पहुंचाई गई है. मैं स्पष्ट रूप से बता देना चाहता हूं कि भगवान श्री राम ने संतो का हमेशा सम्मान किया है, संतो को शाष्टांग दंडवत प्रणाम करते थे श्री राम. हम धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना चाहते हैं, तो हमारी भारतीय संस्कृति की आस्था व भारतीय संस्कृति के प्रतीक भगवा पर कोई आंच नहीं आनी चाहिए.
12 दिसम्बर को करेंगे विरोध
परमहंस डॉ अवदेष पूरी जी महाराज ने कहा अगर संतो के पहनावे को इस तरह वेटरों की तरह पेश करेंगे तो करोड़ो हिन्दू इस बहुत ही घटिया सोच की निंदा ही नही विरोध भी करेंगे. इसके लिए हम आने वाली दूसरी यात्रा जो 12 दिसम्बर को है, उसके सामने हजारों हिन्दूओं के साथ पटरी पर बैठेंगे और हरी झंडी जो आपने दी है हम भगवा से इसको रोकेंगे!
रेल मंत्री के नाम लेटर
रामायण 'सर्किट' एक्सप्रेस को लेकर रेल मंत्री के नाम लेटर में लिखा गया कि सभी जानते है केंद्र में धार्मिक पार्टी यानी भाजपा की सरकार है, देश के पीएम संतो के प्रति व हिन्दू धर्म व भगवान राम के प्रति अगाध निष्ठा रखते हैं. उनके शासन काल मे व आपके कार्यकाल में रामायण सर्किट एक्सप्रेस में साधु संतों की वेशभूषा में वेटरों द्वारा यात्रियों को भोजन परोसवाना व उनकी झूठन उठाते हुए दिखाना घोर निंदनीय व असहनीय है, शायद आपकी आत्मा भी इस कृत्य को स्वीकार नही करेगी!.