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मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने कहा-खूब पढ़ो, चिंता मत करना, मैं हूं न...

सचिन तेंदुलकर ने देवास और सीहोर में संचालित स्कूलों का किया निरीक्षण

भोपाल। गरीब बच्चों की पढ़ाई में मदद के लिए यहां आया हूं। कोशिश है कि यह 2300 बच्चे पढ़-लिखकर अपना कैरियर बना सकें। यही सब देखने आया था। मेरे पिता की यही इच्छा थी कि ऐसा हो सके, मैंने वहीं कोशिश की। अगर आज मेरे पिता होते तो बहुत खुश होते। 

यह कहना है भारत रत्न क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर का, जोकि मंगलवार को एक दिन के संक्षिप्त प्रवास पर देवास और सीहोर जिले में आए थे। तेंदुलकर ने देवास जिले के संदलपुर के पास बने भगिनी निवेदिता विद्यापीठ और सीहोर जिले में लाड़कुई के पास सेवनिया गांव में संचालित स्कूल की गतिविधियों का निरीक्षण किया। इसके पहले तेंदुलकर इंदौर एयरपोर्ट से सीधे सड़क मार्ग से होते हुए पहले देवास और फिर सीहोर पहुंचे। 

निराश लौट गए सचिन के फैन

सचिन के दौरे को बेहद गोपनीय रखा गया था। नतीजे में सुबह ही पुलिस को सूचना मिल सकी की मास्टर ब्लास्टर आ रहे हैं। ऐसे में आनन-फानन में सुरक्षा व्यवस्था की गई। इसके अलावा सचिन के आने की खबर जैसे ही फैली, वैसे ही सैकड़ों की तादाद में गांववाले हाथों में तिरंगा लेकर सड़क किनारे खडेÞ हो गए। हालांकि सचिन की गाड़ी वहां से बिना रुके गुजर जाने से गांववाले निराश हो गए। 

सचिन का फाउंडेशन कर रहा है मदद

देवास में परिवार एजुकेशन सोसायटी नामक एनजीओ ही भगिनी निवेदिता विधापीठ का संचालन कर रहा है। यहां पर 2300 गरीब बच्चे हैं, जिनके शिक्षण में तेंदुलकर का फाउंडेशन/ट्रस्ट मदद करता है। सूत्रों के अनुसार तेंदुलकर पहली बार जमीनी हकीकत का जायजा लेने आए थे। 

सीहोर के सेवनिया गांव के विद्यालय में खेली क्रिकेट

सीहोर जिले के सेवनिया गांव में परिवार श्रीरामकृष्ण विवेकानंद सेवा कुटीर विद्यालय का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने यहां पढ़ने वाले बच्चोें से बातचीत की। सचिन ने बच्चों से कहा कि खूब मन लगाकर पढ़ो, जितना चाहे पढ़ो औैर चिंता मत करना वे उनकी हरसंभव मदद करेंगे। इसके बाद सचिन तेंदुलकर ने बच्चोें के साथ क्रिकेट खेली औैर सेल्फी खिंचवाई। यहां से सचिन भोपाल के लिए रवाना हो गए।

ज्ञात हो कि सचिन तेंदुलकर फाउंडेशन गरीब बच्चों की पढ़ाई के लिए मदद करती है। उन्होंने सीहोेर जिले में चलने वाले 42 कुटीर विद्यालयों में से 5 को गोेद ले रखा है। ये कुटीर सितंबर-2019 से संचालित हैं। सचिन तेंदुलकर फाउंडेशन ने जिले के आदिवासी गांव सेवनिया, जामुनझील, नयापुरा, भीलपाटी और खापा के कुटीर विद्यालयों को गोेद ले रखा है। सेवनिया कुटीर में लगभग 260 बच्चे हैं, जोे नियमित रूप से पढ़ाई करते हैं।

स्कूल भी जाते हैैं ये बच्चे

परिवार श्रीरामकृष्ण विवेकानंद सेवा कुटीर विद्यालय आदिवासियों के घरों से संचालित होते हैैं। यहां पर गांव के पहली से आठवीं तक के बच्चे पढ़ाई के लिए आते हैैं। ये बच्चे सुबह 7 से 10.30 तक और शाम कोे 4 से 6 बजे तक कुटीर विद्यालयों में पढ़ाई करते हैैं। इस बीच ये स्कूल भी जाते हैं। सुबह के समय इन बच्चों कोे नाश्ता और खाना दिया जाता है। इसके बाद शाम कोे भी इन्हें खाना दिया जाता है। इसके अलावा इनकी पढ़ाई-लिखाई के लिए लगने वाली स्टेशनरी सहित अन्य सामान की आर्थिक मदद भी सचिन तेंदुलकर फाउंडेशन द्वारा की जाती है।

कोरोना काल में भी दी आर्थिक मदद

परिवार श्रीरामकृष्ण विवेकानंद सेवा कुटीर विद्यालय कोरोनाकाल में भी संचालित होेते रहे। कोरोना काल में सचिन तेंदुलकर द्वारा इन बच्चों के परिवार कोे भी तीन-तीन हजार रूपए की आर्थिक मदद दी गई थी। इसके अलावा यहां पढ़ने वाले बच्चोें के माता-पिता को कपड़े, साड़ी भी समय-समय भी उपलब्ध कराए जाते हैैं।

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