भोपाल। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि अर्थ-व्यवस्था के विभिन्न आयाम औरनिर्धनों की जिंदगी में विकास की रोशनी पहुँचाने और प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि की दृष्टि से भोपाल में हो रही तीन दिवसीय संगोष्ठी महत्वपूर्ण सिद्ध होगी। संगोष्ठी में हिस्सेदारी कर रहे ख्यात अर्थशास्त्रियों के उपाय देश के साथ ही मध्यप्रदेश की अर्थ-नीति के निर्धारण में भी उपयेागी होंगे। संगोष्ठी में अर्थ-व्यवस्था के विभिन्न आयाम पर चर्चा होगी। विचार- विमर्श के सत्र होंगे। पर्यटन, उद्योग, कृषि, सेवा और पर्यावरण के समावेशी विकास के लिए और नवीन प्रकल्प के संचालन में संगोष्ठी सहायक सिद्ध होगी। चिंतन, मंथन के बाद निकले अमृत का लाभ निश्चित ही मध्यप्रदेश को भी मिलेगा।
मुख्यमंत्री श्री चौहान आज आरसीवीपी नरोन्हा प्रशासन अकादमी के स्वर्ण जयंती सभाकक्ष में इंडियन इकोनामी एसोसिएशन (आय.ई.ए.) के 104वें राष्ट्रीय अधिवेशन का उद्घाटन कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने आमंत्रित प्रतिभागियों का प्रदेश की साढ़े आठ करोड़ जनता की ओर से स्वागत किया।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि संगोष्ठी के प्रतिभागी अर्थशास्त्रियों के सुझाव मध्यप्रदेश सरकार के लिए महत्वपूर्ण होंगे। हम इन पर अमल भी करेंगे। अर्थशास्त्रियों के लिए यह विचारणीय है कि हम प्रकृति के संरक्षण के साथ अर्थ-व्यवस्था को मजबूत बनाने की विधियों पर कार्य करें। आज कोविड जैसी समस्याएँ प्रकृति की अनदेखी के फलस्वरूप सामने आयी है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने उम्मीद व्यक्त की कि यह संगोष्ठी आत्म-निर्भर भारत के लिए मार्गदर्शक होगी। ग्लोबल ट्रेड सहित अन्य महत्वपूर्ण विषय पर संगोष्ठी में हो रहा विचार-विमर्श राष्ट्रहित में उपयोगी रहेगा।