सोहागपुर । पिछले 3 महीने से अधिक समय से अपनी मांगों को लेकर निभौरा नर्सरी के सामने धरने पर बैठे विस्थापित आदिवासी बारिश में पन्नियों के सहारे धरने पर बैठे हुए थे लेकिन वन विभाग ने उनकी पन्निया फाड़ दी और जप्त तक कर ली अब यह लोग साड़ियों के सहारे बरसते पानी में धरने पर बैठे हुए हैं । जिला कलेक्टर एसपी से वन विभाग के कई आला अधिकारी उनके पास पहुंच कर उन्हें धरने से उठने की समझाइश दे चुके हैं ।
किंतु अपनी मांगों पर अडिग यह आदिवासी समस्या का निदान होने तक धरने से उठने को तैयार नहीं है उनका कहना है कि हमने विकल्प में जमीन मांगी थी किंतु हमें पैसा दे दिया गया उसके अलावा 60 से अधिक ऐसे लोग भी हैं जिसने पात्रता नहीं दी गई जबकि वे आस-पास के मजदूरी के लिए गए हुए थे इसलिए उन्हें विस्थापन के सर्वे के समय उपस्थित नहीं होने के कारण उस गांव का निवासी ही नहीं माना गया । जबकि भी पैदा ही वहीं हुए हैं ।
धरने पर बैठे आदिवासियों के नेता गणेश मानसिंह आदि ने बताया कि हमने अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री से लेकर तमाम आला अधिकारियों से गुहार लगाई है पर उनकी सुनवाई नहीं हो रही बल्कि यह कहा जा रहा है कि तुम धरने से हटो हम तुम्हें पैसा दे चुके हैं । हमारी मांग शुरू से ही जमीन के थी पैसे की नहीं यह बात हम फार्म में भी लिख कर दे चुके हैं ।विस्थापित आदिवासियों का कहना है कि अगर हमारी मांग नहीं मानी गई और हमें लाठी-डंडे के बल से हटाया गया तो हम फिर से वही पहुंच जाएंगे जहां से आए थे ।