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सायकल से संपूर्ण भारत की यात्रा पर निकलेंगी आशा ,रोपेगी पौधे ,देगी पर्यावरण बचाने का संदेश

माचलपुर /राजगढ़। पर्यावरण के लिए सायकल यात्रा:पर्वतारोही राजगढ़ की आशा साइकल से करेंगी सम्पूर्ण भारत की यात्रा ,डेढ़ लाख पौधे रौप कर देगी पर्यावरण बचाने का संदेश ।

राजगढ़ जिले के छोटे से गांव नाटाराम की रहने वाली आशा मालवीय अपने अनूठे काम के लिए जानी जाती है। मध्यप्रदेश स्थापना दिवस पर भोपाल में 1 नम्बर से सम्पूर्ण भारत की सायकल यात्रा पर निकलेगी । जिसे मध्यप्रदेश शासन की पर्याटन मंत्री उषा ठाकुर हरि झंडी दिखा कर रवाना करेंगी। आशा मालवीय ने दैनिक भास्कर से बातचीत में बताया कि मेरी यह सायकल यात्रा भोपाल से 1 नम्बर शुरू होगी,जो भारत के सभी 28 राज्यो से होकर,लगभग 20 हजार किलोमीटर का सफर तय करते हुए 300 दिन के बाद दिल्ली में समाप्त होगी । इस यात्रा के दौरान आशा मालवीय देशभर में अलग अलग जगहों पर करीब 1 लाख 75 हजार पौधे लगा कर  लोगो को पर्यावरण को बचाने का संदेश देगी । पर्यावरण को बचाने के संदेश को लेकर सायकल यात्रा शुरू करने से पहले आशा मालवीय ने बताया कि मेने देखा है,कोरोना काल के दौरान ऑक्सीजन की कमी से किस तरह लोगो ने दम तोड़ दिया,में नही चाहती कि मेरे देश के लोगो आगे भी ऑक्सीजन की कमी से दम तोड़े साथ ही में यात्रा के दौरान मध्यप्रदेश के पर्याटन को बढ़ावा देने के लिए जन जागृति अभियान भी चलाऊंगी ।

बर्फीली चोटियो पर लहरा चुकी है तिरंगा ।

आशा मालवीय इस सायकल यात्रा से पहले भी, सिक्किम "बीसी राय" साढ़े बीस हजार फीट एवं "तेनजिंग खान पिक" उन्नीस हजार पाँच सौ फीट पर चढ़ाई कर तिरंगा लहरा कर , OMG बुक में अपना नाम दर्ज कर ,राजगढ़ जिले का नाम रोशन कर चुकी है।

यात्रा के लिए अमेरिका से आई सायकल ।

आशा मालवीय की इस सायकल यात्रा के लिए,मध्यप्रदेश पर्याटन विभाग के द्वारा आशा को भरपूर सहयोग किया जा रहा है। आशा की इस यात्रा के लिए अमेरिका से एक खास सायकल पर्याटन विभाग द्वारा बुलवाई गई है । जिसकी कीमत लगभग 90 हजार रुपए है । इसी सायकल से अब आशा 1 नवम्बर को देशभर की यात्रा करने के लिए रवाना होंगी ।

आशा की कहानी 

राजगढ़ जिले के खिलचीपुर तहसील के छोटे से गाँव नाटाराम की रहने वाली आशा मालवीय (24) एक बहुत गरीब परिवार से है। 20 साल पहले पिता कही छोड़ कर चले गए । आशा की मां राजुबाई ने गाँव के आसपास के लोगो के खेतों में मेहनत मजदूरी कर आशा की पढ़ाई लिखाई करवाई । कक्षा 5 तक आशा ने गांव में पढाई की ,फिर आगे की पढ़ाई 5 किलोमीटर दूर छापीहेड़ा से की ,पढाई के लिए रोज आशा पैदल 5 किलोमीटर दूर आना जाना करती थी , आशा बताती है कि उसकी लगन मेहनत देख पढ़ाई के लिए उसको आर्थिक के साथ साथ हर तरह की मदद करने में आगर मालवा जिले के रिटायर्ड एसपी के रीडर ओमप्रकाश शर्मा का योगदान रहा ,उनकी मदद की वजह से आज वह इस मुकाम तक पहुची है  ,आशा पढाई में ग्रेजुएशन कर चुकी ये ।बचपन से आशा की रुचि स्पोर्ट में रही है । तथा आशा ने प्रशिक्षण के साथ ही ऐथलेटिक्स की 100 मीटर,200 मीटर  की दौड में भाग लेकर राष्ट्रीय स्तर तक उपस्थित दर्ज कराई है । ऐसी कही ओलंपिक खेलों में आशा ने प्रथम स्थान पाया है। आशा के इस जज्बे को देखते हुए जयपुर में हुए अखिल भारतीय बलाई महासभा के राष्ट्रीय महाअधिवेशन में बलाई गौरव रत्न आवर्ड से भी आशा को सम्मानित किया गया है। वही हाल ही में देश की सबसे बड़ी चौथी बुक ओएमजी बुक के फाउंडर प्रोफेसर डॉ दिनेश गुप्ता ने उनकी बुक में आशा का नाम दर्ज किया है।राजगढ़ अपर कलेक्टर कमलचंद नागर ने आशा को रिकार्ड आवर्ड देकर खुशी व्यक्त की है । और आशा को बधाई दी है। अब इसके बाद आशा के मन मे सम्पूर्ण भारत की सायकल यात्रा करने का सपना देखा था जो अब साकार होने जा रहा है।

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