अजा/अजजा वर्गों के प्रति संवदेनशीलता विषय पर दो दिवसीय सेमीनार ''स्पर्श'' का समापन
भोपाल। यह सेमीनार प्रदेश के पुलिस अधिकारियों को अनुसूचित जाति-जनजाति के विरूद्ध घटित अपराधों का बेहतर अन्वेषण अभियोजन तथा समाज के बीच खाई पाटने में महत्वपूर्ण साबित होगा। इस तरह के प्रकरणों में संवेदनशीलता और दक्षता से विवेचना कर 99 प्रतिशत प्रकरणों में चालानी कायर्वाही करने पर मध्यप्रदेश पुलिस बधाई की पात्र है। उक्त उद्गार अपर मुख्य सचिव गृह डॉ राजेश राजौरा ने आज पुलिस अधिकारी मेस भोपाल के वैंक्वेट हाल में ''अनुसूचित जाति और अनुसूचित जन जाति वर्गों के प्रति संवेदनशीलता'' विषय पर आयोजित हुई पुलिस अधिकारियों की दो दिवसीय सेमीनार ''स्पर्श'' के समापन अवसर पर व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि न्यायालयों में प्रचलित प्रकरणों में शीघ्र निर्णय कराने का प्रयास करें ताकि पीड़ित को न्याय मिल सके। डॉ.राजेश राजौरा ने सभी को इस आयोजन के लिए बधाई देते हुए कहा कि साक्षी संरक्षण योजना के बहुत अच्छे परिणाम निकले हैं इसे और भी प्रभावशाली बनाने पर कार्य करें। साथ ही प्रदेश में चिन्हित हॉट स्पॉट में समुदाय के बीच जाकर प्रभावशाली कार्य करें ताकि समाज की खाई को पाटा जा सके।
डॉ राजौरा ने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के अमल में राष्ट्रीय स्तर पर मध्यप्रदेश के अग्रणी रहने पर खुशी जाहिर की और पुलिस परिवार को बधाई दी।
समापन अवसर पुलिस महानिदेशक सुधीर सक्सेना, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक विजय कटारिया सहित अन्य पुलिस अधिकारी एवं कमर्चारी उपस्थित रहें। एसीएस गृह डॉ राजेश राजौरा एवं पुलिस महानिदेशक सुधीर सक्सेना ने सेमीनार के सभी प्रतिभागी पुलिस अधिकारियों को प्रमाणपत्र एवं स्मृति चिन्ह प्रदान किए।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अजाक शाखा राजेश गुप्ता ने कहा कि अजा एवं अजजा वर्ग से संबंधित प्रकरणों के विवेचक एवं पयर्वेक्षकों को व्यवहारिक रूप से दक्ष बनाने के लिए अजाक शाखा द्वारा साल में दो बार इस प्रकार की सेमीनार आयोजित की जातीं हैं। उन्होंने पुलिस अधिकारियों से कहा कि उनके कार्य-व्यवहार में अजा एवं अजजा के प्रति संवेदनशीलता झलकना चाहिए।
सेमीनार में आज विभिन्न विषयों के विशेषज्ञों द्वारा अलग-अलग विषयों पर अपने व्याख्यान दिये गए। पुलिस अधीक्षक अजाक रेंज भोपाल द्वारा एक सफल एवं पुलिस अधीक्षक अजाक रेंज सागर द्वारा एक असफल प्रकरण का प्रस्तुतीकरण दिया। साथ ही सहायक पुलिस महानिरीक्षक (अजाक) डॉ० नीरज चौरसिया द्वारा साक्षी संरक्षण, हॉट-स्पॉट एवं रियल टाईम पोर्टल में होने वाली व्यवहारिक कठिनाईयाँ एवं उनका निराकरण तथा सहायक पुलिस महानिरीक्षक (प्रशिक्षण) श्री मलय जैन अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के लोगों के प्रति संवेदनशीलता एक आवश्यकता के संबंध में विस्तार से बताया। कार्यक्रम का संचालन समनि श्रीमती ऋचा राय चौबे तथा आभार प्रदर्शन श्रीमती दीपाली जैन ने किया।