भोपाल। बाग क्षेत्र के गंगाकुई धाम से बौद्ध गुफाएं मार्ग पर वन विभाग की जमीन पर मंगलवार को 11 मोर मृत पाए गए। इतनी बड़ी संख्या में पहली बार राष्ट्रीय पक्षी इस क्षेत्र में मृत पाए गए है। मंगलवार को ग्रामीणों के बच्चे जंगल में बकरी चराने गए थे। वहां बच्चों ने राष्ट्रीय पक्षी को बड़ी संख्या में मृत पाया। जिसके बाद ग्रामीणों ने वन विभाग बाग को सूचना दी। सूचना मिलते ही वन विभाग का अमला मौके पर पहुंचा। प्रारंभिक जानकारी में पता चला कि कुल 11 मोर मृत पाए गए। जिसमें नर 02 व मादा 09 थी। इनकी उम्र 05 - 08 वर्ष के बीच थी। जानकारी के अनुसार मोर के शरीर पर किसी तरह के शिकार अथवा चोट के निशान नही मिले है। पशु चिकित्सकों को अनुमान है कि ठंड या अज्ञात बीमारी से इनकी मृत्यु हुई है। वन विभाग के वनरक्षक मुकेश वाणी, विजेंद्र पाल सिंह अजनारिया, धरम सिंह सोलंकी, रघु सोलंकी, देवी सिंह चौंगड, जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंचे। मौके पर मृत पक्षी को देखने के बाद पशु चिकित्सक पवन सोलंकी ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। प्रारंभिक तौर पर ठंड या अज्ञात बीमारी भी कारण हो सकती है। यहां से मोरों को ससम्मान राष्ट्रीय ध्वज में ओढ़ाकर वन विभाग कार्यालय बाग लाए। यहां मनावर रोड़ स्थित वन विभाग कार्यालय में पशु चिकित्सक पवन सोलंकी, सुनील बडोले, पाराशर ने मृत मोरों का पोस्टमार्टम किया एवं विसरा वेटरनरी काॅलेज भेजा गया है। जांच के बाद ही पता चलेगा कि मृत्यु कैसे हुई। पोस्टमार्टम के बाद विभाग के कार्यालय के पीछे की तरफ प्रोटोकॉल के अनुसार राष्ट्रीय पक्षी को सम्मान स्वरूप राष्ट्रीय ध्वज में लपेटकर अंतिम संस्कार किया गया। दरअसल बाग क्षेत्र में राष्ट्रीय पक्षी बहुत कम पाए जाते है। ऐसे में बड़ी संख्या में मोरों का मृत मिलना व अन्य जानकारी जांच के बाद ही पता लगेगी।