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हर कंडीशन में विपक्षी को ऑलआउट करने में सक्षम

मुंबई। भारत ने एक बार फिर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी अपने नाम कर ली है। टीम ने दिल्ली टेस्ट 6 विकेट से जीता है। पिछले 10 साल से भारत को उसके घर में हराना असंभव-सा हो गया है। टीम घर में ही नहीं, बल्कि विदेशी सरजमीं पर भी जीतने लगी है। 1 जनवरी 2013 के बाद के आंकड़ों पर गौर करें तो इन दस वर्षों में भारतीय टीम घर में महज 2 टेस्ट ही हारी है, जबकि 36 में उसे जीत मिली है। विदेशी सरजमीं पर टीम ने 54 में 21 मैच जीते हैं।

गाबा में मिली जीत तो याद ही होगी...जहां 2 साल पहले भारत की यूथ ब्रिगेड ने ऑस्ट्रेलिया को 3 विकेट से हराया था। टीम ने ऑस्ट्रेलिया में लगातार दूसरी बार बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी अपने नाम की थी। इससे पहले विराट कोहली की कप्तानी में 2018 में पहली बार ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीती थी। इंग्लैंड में भी हमने सीरीज ड्रॉ कराई। वेस्टइंडीज, श्रीलंका, बांग्लादेश जाकर भी हमारी टीम जीती।

आखिर भारत घर और विदेश में इतने टेस्ट कैसे जीतने लगा? जवाब है हमारी बॉलिंग यूनिट। पिच चाहे जैसी हो, हमारे गेंदबाज विरोधियों के 20 विकेट गिराने की काबिलियत रखते हैं। जरूरत पड़ी तो ये बल्ले से भी मैच पलट देते हैं। हाल के दो टेस्ट में जडेजा, अश्विन और अक्षर ने ऐसा करके भी दिखाया।

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