बेगमगंज। अभिभाषक संघ द्वारा अपनी विभिन्न मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन सौंपकर 23 से 25 मार्च तक न्यायालयीन कार्य से दूर रहकर कलमबंद हड़ताल की सूचना देते हुए आंदोलन की शुरुआत की है।
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अधिवक्ता कलम बंद हड़ताल पर |
अधिवक्ता संघ का कहना है कि मप्र उच्च न्यायालय द्वारा जिला न्यायालयों में 25 चिन्हित प्रकरणों के समयबद्ध निराकरण की जो योजना लागू की गई थी उसका हर स्तर पर अधिवक्ता संघो एवं मप्र राज्य अधिवक्ता परिषद द्वारा विरोध दर्ज कराया गया एवं अधिवक्ताओं एवं पक्षकारों को आ रही कठिनाईयों से उच्च न्यायालय को समय समय पर अवगत कराया जाता रहा है लगातार उक्त योजना को वापिस लिया जाकर पुराने यूनिट सिस्टम लागू कराने का अनुरोध किया जाता रहा है। किंतु उच्च न्यायालय की ओर से आश्वासन देने के बाबजूद भी कोई भी साकारात्मक कार्यवाही नही की गई है। इसलिए मप्र के अधिवक्ताओं की परेशानी एवं कठिनाईयों को दृष्टिगत रखते हुए संघ द्वारा विषयांकित कार्यक्रम के अनुसार 23 से 25 मार्च तक न्यायालीन कार्य से विरत रहने हेतु संघ ने प्रस्ताव पारित किया है। और ज्ञापन एवं आंदोलन के माध्यम से मप्रशासन से एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट की मांग को स्वीकार करने की मांग की गई है जब तक मांग स्वीकार नहीं होगी उग्र आन्दोलन करने को तत्पर रहेगें।
अधिवक्ताओं की कलम बंद हड़ताल से पक्षकारों को परेशानी शुरू हो गई है लोग दूर-दराज से पेशी करने के लिए आए हैं लेकिन अधिवक्ताओं को न्यायालय से व्रत रहने के कारण कार्य नहीं हो पा रहे हैं।
ज्ञापन सौंपने वालों में अरविंद श्रीवास्तव बद्री विशाल गुप्ता, धीरेंद्र सिंह गौर, रमेश प्रसाद सोनी राजकुमार गुप्ता, प्रताप सिंह ठाकुर, आमोद शर्मा, भरत सिंह बुंदेला, मूरत सिंह ठाकुर, प्रभु नेमा, वजीर खान, विनय खरे, एसके तिवारी, मेहरबान सिंह, राकेश नेमा, ओपी त्रिवेदी, संतोष साहू, डीपी चौबे आदि प्रमुख हैं।