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प्रतिपदा के उपलक्ष में गोष्ठी संपन्न


बेगमगंज।  नव वर्ष प्रतिपदा के उपलक्ष्य में कवि प्रदीप सोनी 'शून्य ' के निवास पर गोष्ठी सम्पन्न हुई। गोष्ठी का आरंभ माँ सरस्वती की वंदना से किया गया।  शिक्षक देवनारायण शर्मा ने बताया कि विक्रम संवत का आरंभ चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से होता है। भारतवर्ष में यह वर्ष सही मायने में नव वर्ष है। सांस्कृतिक , भौगोलिक और धार्मिक दृष्टिकोण से यह वैज्ञानिक भी है। इसी दिन से शक्ति की आराधना का पर्व नव रात्रि भी प्रारम्भ होता है। विद्यानन्द शर्मा ने भी प्रकृति की सम्पन्नता को नव वर्ष से जोड़ते हुए उसके महत्व को प्रतिपादित किया। उपस्थित कवियों में शिक्षक संतोष अवस्थी ने अपनी कविता में विक्रम संवत के पक्ष में दलील दी। " आज मेरा यह नव वर्ष है खुशियाँ बरसें हर्ष ही हर्ष है।" प्रदीप सोनी 'शून्य' ने अनुकूलता को शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए कहा - "हर्ष हो जन जन में तो नव वर्ष है। जीने की उमंग मन में तो नव वर्ष है। शिक्षक सुरेश नायक ने अपनी काव्यमयी प्रस्तुति में कहा -उठो सनातनी बोलो जय श्रीराम,नव संवत्सर में ,कर जोड़ प्रणाम। सेवा निवृत्त शिक्षक पंडित ऋषिराज उदैनियाँ ने अपनी बात को दार्शनिक भाव में व्यक्त करते हुए कहा -एक नव शुभकामना , नव चिंतन । नव कर्म,शांति सौहार्द का अभिनन्दन।लोकेश उपाध्याय ने कहा - खुशियों के हर पल तुम याद आओगे। जब भी तुम गीत मेरे गुनगुनाओगे। काव्यमयी निशा में शिवशंकर भार्गव , मुकेश राजपूत ,  रेखा सोनी , प्रेमलता नायक , हरि नामदेव , रामेंद्र सिंह ठाकुर उपस्थित थे ।

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