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शासकीय यूनानी चिकित्सा महाविद्यालय में इलाज बित तदबीर विभाग के शिक्षकों के लिए सी.एम.ई. कार्यक्रम

भोपाल। आज हकीम सैयद जियाउल हसन शासकीय यूनानी चिकित्सा महाविद्यालय, भोपाल में इलाज बित तदबीर विभाग के शिक्षकों के लिए  6 दिवसीय सी.एम.ई. कार्यक्रम का उदघाटन समारोह महाविद्यालय के हकीम मोहम्मद आजम खान सभागार में हुआ।

समारोह के मुख्य अतिथि डॉ. पी.सी.शर्मा, उप संचालक, आयुष विभाग, म0प्र0 शासन ने अपने संबोधन में कहा कि सेवा ही सबसे बड़ी उपासना है, चिकित्सा एवं शिक्षा दोनो ही सेवा हैं। आधुनिक चिकित्सा पद्धति की अपेक्षा आयुष चिकित्सा पद्धतियों को कम बजट प्राप्त होता है जिससे आयुष चिकित्सा पद्धतियों के समक्ष नई चुनौतियां उभर रही हैं, इसके बावजूद भी आयुष चिकित्सा पद्धतियां अपने उपलब्ध संसाधनों के आधार पर अच्छा कार्य कर रही हैं, यूनानी चिकित्सा पद्धति की उपयोगिता को प्रमाणित करने हेतु इस क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों का प्रमाणिक डाटा बेस बनाए जाने की आवश्यकता है। 

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉ. शाकिर जमील, पूर्व महानिदेषक सी.सी.आर.यू.एम. नई दिल्ली ने अपने सम्बोधन में कहा कि यूनानी चिकित्सा में शोध कार्य प्रणाली को उन्नत करते हुए शोध पत्रों के माध्यम से यूनानी चिकित्सा की प्रमाणिकता सामने लाने पर बल दिया।

कार्यक्रम के सचिव डॉ. आरिफ अनीस, रीडर इलाज बित तदबीर विभाग ने अपने सम्बोधन में इलाज बित तदबीर (रेजीमिनल थैरेपी) की उपयोगिता बताते हुए कहा कि विभाग में लगभग 800 रोगी प्रति सप्ताह उपचार के लिए आते हैं जिनमें से अधिकांश रोगी जीवन शैली से जुड़े हुए रोगों एवं क्रोनिक रोगों से सम्बंधित होते हैं जिन्हें इलाज बित तदबीर (रेजीमिनल थैरेपी) से काफी लाभ हो रहा है। 

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. मेहमूदा बेगम ने देशभर से पधारे हुए अतिथिगणों एवं प्रतिभागियों का स्वागत किया एवं कार्यक्रम की सफलता के लिए अपनी शुभकामनाएं व्यक्त की, कार्यक्रम का संचालन डॉ. एहसान अहमद सह सचिव ने किया एवं डॉ. अब्दुल रहमान, कार्यक्रम के सह-सचिव ने आयुष मंत्रालय भारत सरकार, आयुष विभाग मध्यप्रदेश शासन, मंचासीन अतिथिगणों एवं प्रतिभागियों का धन्यवाद करते हुए आभार व्यक्त किया।

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