मुंबई। नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने हाल में अपने भाई शमास सिद्दीकी पर 100 करोड़ की मानहानि का मुकदमा दर्ज किया था। उस पर बुधवार को बॉम्बे हाई कोर्ट में सुनवाई थी। अब इस मामले में दो अलग दावे सुनने को मिल रहें हैं। शमास सिद्दीकी के वकील दीपेश मेहता का कहना है कि कोर्ट ने उन्हें तीन मई की तारीख दी है।
दोनों भाइयों को कोर्ट के बंद कमरे में मामले को सुलझाने की हिदायत दी गई है। वहीं नवाजुद्दीन का खेमा इन दावों को बेबुनियाद करार देता है। उनका कहना है कि फैसला नवाज के पक्ष में जा रहा है। कोर्ट ने हिदायत दी है कि अगली सुनवाई तक दोनों खेमा सोशल मीडिया पर एक दूसरे के ऊपर छींटाकशी नहीं करेगा।
कोर्ट ने शमास सिद्दीकी को कहा है कि अब तक उनके हवाले से न्यूज मीडिया या किसी भी प्लेटफॉर्म पर जो आरोप लगाए गए हैं उसे हटा लिए जाए। नवाज ने वकील सुनील कुमार का कहना है कि शमास और उनके वकील के तेवर अब ढीले पड़ते दिखाई दे रहे हैं।
उन्होंने कहा, 'बुधवार को जब इस मामले की सुनवाई शुरू हुई तो शमास के वकील ने सरेंडर कर दिया। कोर्ट से गुजारिश करते हुए उन्होंने कहा कि हम कोर्ट में मामले की सुनवाई नहीं चाहते। हम रियल ब्रदर हैं। कोर्ट के सामने ही बंद कमरे में साथ बैठकर मामले को सुलझा लेंगे।
कोर्ट को भी लगा कि परिवार में भाइयों में अनबन होती रहती है। लिहाजा एक मौका केस सुलझाने का दिया जाए। हालांकि शमास ने नवाज पर रेपिस्ट तक होने का आरोप लगाया है। ऐसे में हमने कोर्ट से आग्रह किया कि पहले तो जितने भी शमास के नवाज के खिलाफ मनगढंत आरोप और आर्टिकल हैं, उन्हें हटाया जाए।'
