सरकार की मंशा पर पानी फेर रहे हैं,कियोस्क संचालक और बैंक मित्र
बेगमगंज। शासन के निर्देश अनुसार एसबीआई, मध्य प्रदेश ग्रामीण बैंक समेत अनेक बैंकों ने ग्रामीण क्षेत्र में छोटे मोटे लेनदेन के लिए कियोस्क शाखा संचालित की है। पोस्ट ऑफिस द्वारा भी शाखा डाकघर ग्रामीण क्षेत्र में जगह-जगह संचालित हैं। जिससे दिव्यांग वृद्ध और ग्रामीण लोगों को बैंकों के चक्कर न काटने पढ़े और घर बैठे छोटे-मोटे लेनदेन करते रहे। लेकिन कियोस्क संचालक और बैंक मित्रों की मनमानी के कारण ग्रामीण क्षेत्र की जगह बैंक मुख्यालयों पर ही कियोस्क शाखा संचालित कर रहे हैं और इसमें मुख्य बैंक शाखा के बैंक प्रबंधक भी शासन के निर्देश को दरकिनार करते हुए अपनी सुविधा के लिए बैंक मित्रों को बैंक के आसपास शाखा संचालित करवा रहे हैं। शाखा डाकघर के कर्मचारी भी डाकघर से आए दिन नदारत देखे जाते हैं। जिससे दूरदराज के ग्रामीण हजार पांच सौ रूपए के लेनदेन के लिए पूरा दिन खराब करके कस्बा सुल्तानगंज आते हैं।
![]() |
सड़क पर रेंग कर अपने घर जाती हुई |
एक ऐसा मामला प्रकाश में आया है। जिससे ऐसा माना जा रहा हैं की कियोस्क संचालक, बैंक मित्र और शाखा डाकघर के कर्मचारी मिलाकर शासन की मंशा पर पानी फेरते हुए दिखाई दे रहे हैं। एक दोनों पैरों से दिव्यांग महिला ज्योति अहरिवार प्रतिमाह 6 सौ रूपए पेंशन की राशि निकालने के लिए सुल्तानगंज आती है। दिव्यांग महिला का पति भी आंशिक रूप से मानसिक विक्षिप्त हैं। जिसके घर में कोई और अन्य कमाने वाला नहीं है।महिला काफी गरीब घर से है। जिसके कारण महिला गांव बमोरी टीटोर से सड़क पर रेंगती हुई 5 किलोमीटर दूर आकर कस्बा सुल्तानगंज की मध्य प्रदेश ग्रामीण बैंक से पेंशन की राशि निकालती है और फिर 5 किलोमीटर सड़क पर रेंग कर वह अपने घर वापस जाती है। ग्रामीणों ने अनेक बार कियोस्क संचालकों की निर्धारित ग्राम में शाखा संचालन नहीं करने की बैंकों को शिकायत कर चुके हैं। लेकिन बैंक प्रबंधन ग्रामीणों की नहीं सुनता जिससे ग्रामीणों में आक्रोश पनप रहा है।