भोपाल। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रत्येक समाज को शिक्षा, उद्यमशीलता, पर्यावरण-संरक्षण, नशा-मुक्ति अभियान और बेटियों को सशक्त बनाने के कार्यों में अपना योगदान देना है। किरार-धाकड़ समाज भी इस दिशा में अपनी भूमिका को सक्रिय बनाये। समाज स्तर पर विद्यार्थियों को शिक्षा और कोचिंग के लिए बेहतर सुविधाएँ देकर उनका मनोबल बढ़ाये। समाज-बंधु यह संकल्प लें कि बेटियों का अपमान नहीं होने देंगे। उनके सशक्तिकरण के लिए पूरी ताकत से काम करेंगे। उन्होंने कहा कि आज समाज स्तर पर निर्धन विद्यार्थियों के लिए बड़े शिक्षा केंद्रों पर आवश्यक व्यवस्थाएँ कर उनके परिश्रम और उनकी प्रतिभा को सार्थक करना है। भोपाल में किरार भवन और छात्रावास निर्माण का कार्य जारी है। समाज के ऐसे बेटे-बेटियाँ जो कमजोर वर्ग के हैं और प्रतिभाशाली हैं, उनके लिये पढ़ने और रहने की व्यवस्था की जाएगी। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा किरार धाकड़ महासम्मेलन के लिए भेजे गए शुभकामना संदेश का वाचन भी किया गया।
मुख्यमंत्री श्री चौहान आज भोपाल के बीएचईएल दशहरा मैदान में अखिल भारतीय किरार, क्षत्रिय महासभा और अखिल भारतीय धाकड़ महासभा के महासंगम-2023 को संबोधित कर रहे थे। अखिल भारतीय युवक-युवती परिचय सम्मेलन भी हुआ, जिसमें किरार, किराड़, धाकड़, नागर और मालव युवक-युवतियों ने हिस्सा लिया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आज सम्मेलन में मध्यप्रदेश के अलावा राजस्थान, छत्तीसगढ़, उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र और अन्य प्रांतों से किरार बंधु एकत्र हुए हैं। किरार समाज मुख्य रूप से खेती और उससे जुड़े कार्य करता रहा है। हल धारण करते हुएकिसान के रूप में भारत के अन्न के भण्डार भरने वाले इस समाज के पूज्य आराध्य देव श्री धरणीधर भगवान बलराम हैं। सामाजिक प्रगति के साथ अन्य क्षेत्रों में समाज का प्रतिनिधित्व बढ़ रहा है। कोई भी समाज आगे बढ़ता है तो देश भी आगे बढ़ता है। समाज की प्रगति से देश की प्रगति होती है। अपना हिन्दुस्तान दिनों-दिन आगे बढ़ेगा। अलग-अलग समाज मिलन कार्यक्रम करते हैं, जो उद्देश्यपूर्ण होते हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आज समाज की प्रगति के लिए मिल कर कार्य करने की आवश्यकता है। कोरोना काल में सभी लोगों ने परस्पर सहयोग किया। जरूरतमंदों के उपचार के साथ ही निर्धन वर्ग के लिए अन्न (भोजन) की व्यवस्था की गई। मुख्यमंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री के नाते अस्पतालों में ऑक्सीजन, औषधियों की व्यवस्था और प्रभावित परिवारों के लिए आर्थिक सहयोग सुनिश्चित करने में दिन-रात एक किया। सामाजिक संस्थाओं का सहयोग भी मिला। समाज के सशक्तिकरण के लिए एक-एक नागरिक का सहयोग जरूरी है। नशा-मुक्त समाज की रचना, हरियाली बढ़ाने, पानी और बिजली की बचत, बेटियों और बहनों के सम्मान के लिए भी इस भाव से कार्य करना है कि सम्पूर्ण दुनिया एक परिवार है। इस भाव को हर व्यक्ति प्रणाम भी करता है। साथ ही राष्ट्र के लिए अधिक से अधिक योगदान देने का भाव भी और मजबूत होना चाहिए।
