भोपाल। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में इंदौर के निकट, भगवान परशुराम की जन्म-स्थली जानापाव को अध्यात्म और पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जा रहा है। जानापाव एक दिव्य और भव्य केन्द्र के रूप में उभर कर आएगा। राज्य शासन ने भगवान परशुराम जयंती पर सार्वजनिक अवकाश के साथ मंदिरों के पुजारियों के लिए मानदेय और संस्कृत विद्यालय में अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों, जो धार्मिक संस्कारों को सम्पन्न करवाने में दक्ष हो रहे हैं, को प्रोत्साहन राशि देने की व्यवस्था की है। कक्षा एक से 5वीं तक के विद्यार्थियों के लिए 8 हजार और कक्षा 6वीं से 12वी तक के विद्यार्थियों को 10 हजार रूपए की राशि देने की पहल की गई है। पाठ्य-पुस्तकों में भगवान परशुराम की जीवन गाथा भी पढ़ाई जाएगी।
मुख्यमंत्री श्री चौहान आज जंबूरी मैदान, भोपाल में ब्राह्मण महाकुंभ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मंदिरों की भूमि को कलेक्टर द्वारा एक वर्ष के लिए नीलाम करने के पूर्व के प्रावधान में परिवर्तन कर यह अधिकार पुजारी को दिया गया है। साथ ही मंदिर में पूजा, आराधना और आरती जैसे कार्यों के लिए पुजारी को सहयोग देना आवश्यक है। बिना कृषि भूमि क्षेत्र के मंदिरों के लिए 5 हजार रूपए की मासिक राशि प्रदान करने के साथ ही मंदिरों का सर्वे करवाने का कार्य किया जाएगा। ब्राह्मण समाज के मेधावी और आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों को मेडिकल, इंजीनियरिंग और अन्य उच्च शिक्षा संस्थानों में शिक्षा सुविधा दी जाएगी। ब्राह्मण समाज के लिए भोपाल में उपलब्धता के आधार पर भूमि का प्रबंध किया जाएगा, जिससे शिक्षण व्यवस्थाओं और सामाजिक कार्यों के लिए व्यवस्थाएँ करने में आसानी हो। पृथक आयोग या बोर्ड गठित करने के सुझाव पर भी समाज के प्रमुख व्यक्तियों से चर्चा और विचार-विमर्श के बाद आवश्यक निर्णय लिया जाएगा।