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मंडी व्यापारियों के बाद अब विभिन्न मांगों को लेकर सोमवार से हड़ताल पर कृषि मंडी कर्मचारी

हड़ताल पर जाने की सूचना सामूहिक रूप से लिखित में एसडीएम को दी

मंडी कर्मचारी ज्ञापन सौंपते हुए

बेगमगंज। कृषि उपज मंडी के अधिकारी कर्मचारी अपनी विभिन्न मांगों को लेकर 18 सितंबर से हड़ताल पर चले गए हैं जिसकी उन्होंने बाकायदा लिखित में सूचना सामूहिक रूप से एसडीएम सौरभ मिश्रा को दे दी है।

आपको बता दें कि सयुंक्त संघर्ष मोर्चा मंडी बोर्ड भोपाल के आह्वान पर मंडी समिति कर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए है।   इससे मंडी बंद रहेगी और किसी प्रकार की उपज की खरीदी नहीं होगी।  तीन साल पहले भी मंडी के कर्मचारी हड़ताल पर रहे थे।  लंबे समय से मांगें पूरी नहीं होने से कर्मचारी नाराज हैं और हड़ताल की जा रही है। हड़ताल के दौरान सभी कर्मचारी मंडी के शेड में धरना प्रदर्शन करेंगे। मंडी कर्मचारी संघ के अभय पाल सिंह बिलोदिया, महेश तिवारी,  ने बताया कि मंडी के कई कर्मचारी आज भी मंडी बोर्ड की सेवा में शामिल नहीं है। वहीं वेतन विसंगति भी है। इन्हीं सभी मुद्दों को लेकर हड़ताल की जा रही है। जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होती हैं तब तक हड़ताल की जाएगी।

वहीं दूसरी ओर व्यापारियों की हड़ताल 14 दिन से जारी होने से अनाज की खरीदी नहीं हो रही। टैक्स की दर कम करने, लीज नियमावली सरल करने सहित अन्य मांगों को लेकर अनाज मंडी के व्यापारी पिछले 14 दिन से हड़ताल पर हैं। इससे सोयाबीन, गेहूं, चना सहित अन्य अनाज की खरीदी नहीं हो रही है और किसान परेशान हो रहे हैं। अनाज तिलहन दलहन व्यापार संघ के अध्यक्ष संजय ओसवाल ने बताया कि मंडी टैक्स 1.50 फीसदी से घटाकर 1 फीसदी करने, 0.20 फीसदी निराश्रित टैक्स खत्म करने, भूखंडों की लीज पुरानी शर्तों पर रिन्यू करने, कारोबारियों को आजीवन लाइसेंस जारी करने को लेकर हड़ताल की जा रही है। जब तक मांगें पूरी नहीं होती हैं तब तक हड़ताल की जाएगी।

गौर तलब है की त्यौहार करीब है ऐसे में जहां 14 दिन से व्यापारियों की हड़ताल जा रही है वहीं अब मंडी कर्मचारी भी हड़ताल पर चले गए हैं जिससे किसान अपनी उपज बेचने के बारे में चिंतित नजर आ रहे हैं।


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