बुरहानपुर। खंडवा लोकसभा सीट से कांग्रेस ने लंबे मंथन के बाद अपना प्रत्याशी उतार दिया है, पार्टी ने यहां से नरेंद्र पटेल को जातिगत सामीकरण के साथ क्षेत्रीय समीकरण के तरकस मे गुर्जर वोटो की लहलहराती फसल काटने के दृष्टिकोण से उतारा है।
नरेंद्र पटेल की उम्र 2024मे लगभग 63वर्ष की होगी, शिक्षा के दृष्टिकोण से ज्ञात जानकारी के अनुसार 12 वी उत्तीर्ण छात्र रहे है। चुनावी योग्यता के रूप मे सिर्फ़ राजनितिक पृष्टभूमि के अलावा शेष कुछ नही है पिता पार्षद और सरपंच पद पर आसीन रहे है। पटेल खुद कांग्रेस समिती की जिला, ब्लॉक स्तर से ऊपर की राजनीत का ककहरा समझते हुए आगे बढ़े है । चाचा जरूर बड़वाह विधानसभा से 1993 मे विधायक रह चुके है।1999 से 2004 के लोकसभा चुनाव मे लोकसभा सदस्य भी रहे है। अरुण यादव इस सीट से ससख्त दावेदार थे किंतु इनके इंकार करने के बाद गुटो मे बटी कांग्रेस आलाकमान ने गुटबाजी के बूते सेंधमारी न हो पटेल का चयन किया है। इनके अलावा ठाकुर सुरेंद्र सिंह, तारिका सिंह, कांग्रेस के निष्कासित नेता अजय रघुवंशी, रविंद्र महाजन का नाम भी दावेदार के रूप मे उभरा था। अरुण यादव 2009 मे इसी सीट से सांसद बन केन्द्र की मंत्री मंडल समिती मे रह चुके है किंतू गुटबाज़ी के खौफ कहे या पार्टी की राम से दूरी इनके चुनाव लड़ने के इंकार के बाद बागडोर पटेल के हाथ सोपी गई है।
बड़ी बात यह है खंडवा संसदीय सीट के इतिहास मे अब तक 19 चुनाव और उप चुनाव इस सीट ने देखे है पुरे चुनाव का चुनावी समीकरण कुरेदे तो भारतीय जनता पार्टी ने पहली बार गुर्जर समाज को लोकसभा चुनाव मे दावेदारी सोपी है।
2023 के विधानसभा चुनाव मे मांधाता नारायण पटेल और बड़वाह सचिन बिड़ला से गुर्जर नेताओ को दावेदारी सोपी थी किंतु ये दोनो भी कांग्रेस पार्टी की उपज रहे है।कमलनाथ सरकार के अस्थिर होने के बाद दोनो कमल का हाथ छोड़कर कमल चिन्ह के साथ हो गए थे।
खंडवा संसदीय सीट का क्षेत्रफल चार जिले की आठ विधानसभा के फैलाव पर टिका है खंडवा से तीन विधानसभा खंडवा,मांधाता, पंधाना,बुरहानपुर जिले की दो बुरहानपुर और नेपानगर, खरगोन जिले की बड़वाह, भीकनगांव और देवास की बागली विधानसभा खंडवा संसदीय सीट का हिस्सा रहती है। और कुल 20 लाख 90 हजार के आसपास मतदाता इस महासमर के महा कुंभ मे अपने मतों की आहुति देगा ।
विधानसभा चुनाव के रिजल्ट को देखे तब कांग्रेस के हालात खस्ता नजर आ रही है ।क्योंकि 2023 के विधानसभा का चुनाव परीणाम भाजपा सात और कांग्रेस एक सीट का रहा है।
उन्नीस चुनाव का गवाह बनी इस लोकसभा क्षेत्र सीट ने अपने अस्तित्व मे आने के बाद कांग्रेस प्रत्याशियो के हाथो मे रहकर गढ़ रहा है किंतु शने: शने: भाजपा प्रत्याशी के नियंत्रण मे आने के बाद भाजपा का गढ़ बन गई इस सीट पर ठाकुर नंद कुमार सिंह चौहान का कब्जा रहा है पंचायत से लेकर नगर निगम मे भाजपा का कब्जा काबिज रहने के पीछे नंदू भैय्या की दूर दृष्टि सोच रही थीं।2023 के विधानसभा चुनाव मे इनके पुत्र हर्षवर्धन के निर्दलीय मैदान सम्हालने के बाद जन आक्रोश कहे या बेटे की हट धर्मिता 2024 तक आते आते वही नंदू भैय्या फ्लेक्स, फोटो से लुप्त होने लगें है।
चुनावो और उप चुनाव का गणित 10 बार बीजेपी या गैर कांग्रेसी जीते 9 बार कांग्रेस विजय पताका फहराने मे कामयाब रही।