Type Here to Get Search Results !

गाँधी सागर अभयारण्य में मादा चीता धीरा को सफलतापूर्वक छोड़ा

भोपाल। परियोजना चीता में बुधवार को एक और ऐतिहासिक उपलब्धि जुड़ गयी, जब कूनो राष्ट्रीय उद्यान की लगभग 7.5 वर्ष की मादा चीता 'धीरा' को वन विभाग के अधिकारियों ने गाँधी सागर अभयारण्य में दोपहर 2 बजे सफलतापूर्वक छोड़ा।

यह अभियान सुबह कूनो राष्ट्रीय उद्यान से प्रारंभ हुआ, जहाँ वन विभाग की पशु चिकित्सा टीम, फील्ड स्टॉफ और वरिष्ठ अधिकारियों ने पूरी प्रक्रिया की बारीकी से निगरानी की। मादा चीता 'धीरा' जो अपने परिवहन क्रेट में शांत, किन्तु सतर्क थी। धीरा ने लगभग 7 घंटे की यात्रा एक विशेष वातानुकूलित वाहन में पूरी की। पूरी यात्रा के दौरान उसकी सेहत और सुरक्षा पर कड़ी निगरानी रखी गयी।

गाँधी सागर अभयारण्य में जब क्रेट का दरवाजा खोला गया, धीरा ने कुछ क्षण रुककर अपने नये परिवेश को देखा और अपने नये घर की भूमि पर फुर्ती से छलांग लगाते हुए पहला कदम रखा। यह पुनर्वास भारत में चीता आबादी के विस्तार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

कूनो राष्ट्रीय उद्यान से पूर्व में भी 2 नर चीतों का पुनर्वास गाँधी सागर अभयारण्य में किया गया था। मादा चीता का पुनर्वास होने से यह एक सक्षम प्रजनन आबादी का मार्ग प्रशस्त करेगा। यह परियोजना की दीर्घकालिक सफलता के लिये अत्यंत आवश्यक है। यह घटना केवल एक जानवर का पुनर्वास नहीं थी, बल्कि एक सपने की निरंतरता थी। भारत की अपनी खोयी हुई प्राकृतिक धरोहर को पुनर्स्थापित करने की प्रतिबद्धता और 'टीम चीता' के प्रत्येक सदस्य के लिये गौरव का क्षण था।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.