भोपाल।
मध्यप्रदेश में शराब के बेलगाम कारोबार ने लोगों के परिवार तहस नहस कर दिए हैं। राजस्व उगाही के चक्कर में सरकार खुद इस कारोबार को बढ़ावा दे रही है। शराबखोरी से लाचार लोगों में सरकार के प्रति गुस्सा बढ़ता जा रहा है और सरकार को इसका नतीजा भुगतना पड़ेगा। गुजरात में भाजपा सरकार लगातार शराबबंदी के कारण सत्ता में लौटती आ रही है तो मध्यप्रदेश में शराब का बेलगाम कारोबार भाजपा सरकार के पतन का कारण बनेगा।
जन न्याय दल के प्रवक्ता आलोक सिंघई ने भोपाल में जारी एक बयान में कहा कि मध्यप्रदेश सरकार राजस्व आय बढ़ाने के चक्कर में शराब के कारोबार पर कोई नियंत्रण नहीं कर रही है। सरकार के संरक्षण के कारण शराब का अवैध कारोबार भी धड़ल्ले से चल रहा है। इससे शराब के कारोबारी तो फल फूल रहे हैं लेकिन आम जनता नशे के जाल में फंस गई है। शराब की लत से लोग बीमार पड़ रहे हैं और असमय मौत के शिकार हो रहे हैं। शराब खोरी से प्रभावित परिवारों के बच्चों की पढ़ाई पर भी इस कुटैव का बुरा असर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि वित्तमंत्री राघवजी का खरगोन में दिया गया बयान आपत्तिजनक है। वे अपने विभाग की कुशलता दिखाने के लिए आम जनता को शराबखोरी के लिए दोषी बता रहे हैं। आबकारी विभाग शराब के कारोबार को
नियंत्रित करने में बुरी तरह असफल साबित हो रहा है। शराब के कारोबारियों की मनमानी बढ़ गई है। इसे सुधारने के बजाय वित्तमंत्री कह रहे हैं कि लोग खुद शराब पीना छोड़ देंगे तो शराब फैक्टरियां अपने आप बंद हो जाएंगी।
नियंत्रित करने में बुरी तरह असफल साबित हो रहा है। शराब के कारोबारियों की मनमानी बढ़ गई है। इसे सुधारने के बजाय वित्तमंत्री कह रहे हैं कि लोग खुद शराब पीना छोड़ देंगे तो शराब फैक्टरियां अपने आप बंद हो जाएंगी।
श्री सिंघई ने कहा कि यदि लोग खुद सामाजिक बुराईयां दूर कर सकते हैं तो फिर सरकार की जरूरत ही क्या है। सरकार को समाज का मार्गदर्शन करना चाहिए और प्रदेश को विकास पथ पर अग्रसर करना चाहिए। गुजरात में शराब धड़ल्ले से बिक रही है ये कहकर वित्तमंत्री जी गुजरात की भाजपा सरकार की ही विफलता की कलई खोल रहे हैं. जन न्याय दल ने वित्तमंत्री राघवजी के बयान की निंदा की है और राज्य सरकार से अनुरोध किया है कि वह संपूर्ण शराब बंदी की घोषणा करे। जन न्याय दल संपू्र्ण शराबबंदी की मांग करते हुए आज सागर में शराब की शवयात्रा निकाल रहा है। दल ने पूरे प्रदेश में नशाबंदी के खिलाफ अभियान छेड़ा हुआ है।
