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सालों से बिना काम एड्स कंट्रोल सोसायटी में जमे

एड्स नियंत्रण समिति में बिना जरुरत पदस्थ पैथॉलाजिस्ट
जिलों में ब्लड बैंक स्थापना हो जाने के बाद भी बरकरार

 

ब्यूरो, भोपाल
 

सालों से बिना काम एड्स कंट्रोल सोसायटी में जमे
एक ओर जिलों में पैथालाजिस्ट की कमी से गंभीर मरीजों को सही इलाज नहीं मिल पा रहा है, दूसरी ओर राज्य एड्स कंट्रोल सोयायटी में बिना काम के पैथालाजिस्ट सालों से पदस्थ हैं।
मप्र राज्य एड्स कंट्रोल सोसायटी (एमपी सैक) में उप संचालक के समकक्ष ब्लड सेफ्टी के पद पर 2000-01 में डॉ. यूसी यादव पदस्थ हैं। इसके पहले डॉ यादव स्वास्थ्य विभाग में उपसंचालक के पद पर पदस्थ थे। एमपी सैक में पदस्थ होने के बाद डॉ. यादव का काम था, जिलों में ब्लड बैंकों की स्थापना के बाद उनके सुदृढ़ीकरण के लिए टैक्नीकल सपोर्ट देना। इसके तहत हमीदिया अस्पताल सहित प्रदेशभर में जिलावार ब्ल्ड बैंकों की स्थापना और सुदृढ़ीकरण का काम 2009-10 में पूरा हो गया। इसके बाद डॉ. यादव की जरुरत एमपी सैक में नहीं रही, इसके बाद भी डॉ. यादव बीते ढाई-तीन साल से एमपी सैक में संयुक्त संचालक के समकक्ष पद पर पदस्थ हैं।
 

रिमाइंडर दर रिमाइंडर
डॉ. यादव की भूमिका अब एमपी सैक में सिर्फ जिलों कों रिमाइंडर भिजवाने तक सिमट गई है। डॉ यादव अब जिलों में खरीदी के लिए बजट के अलावा टैक्नीकल स्टॉफ का वेतन संबंधी काम कर रहे हैं। डॉ. यादव कुछ दिनों के अंतराल से जिलों में ब्लड बैंकों के लिए खरीदी और स्टाफ के वेतन संबंधी रिमाइंडर भिजवाते रहते हैं। हालांकि, यह काम लेखा शाखा का एक कर्मचारी भी कर सकता है। इसी काम के लिए प्रथम श्रेणी अधिकारी का वेतन और सुविधाएं डॉ. यादव को मिल रही हैं।
 

जिलों में नहीं है पैथालाजिस्ट
मध्यप्रदेश के करीब दर्जनभर जिलों में पैथालाजिस्ट नहीं हैं। इस बारे में डॉ अशोक शर्मा, संचालक, स्वास्थ्य का कहना है कि प्रदेश में कुल 137 पैथालाजिस्ट हैं। अधिकतर जिलों में पोस्टिंग भी कर दी गई है, भोपाल और इंदौर जैसे बडे जिलों में तीन से सात तक पैथालाजिस्ट की पोस्टिंग हैं। कुछ पैथालाजिस्ट की अन्यत्र पोस्टिंग समाप्त करके जिलों में भेजने के बारे में कार्रवाई की जा रही है। विभागीय समीक्षा बैठक में भी इस बारे में जिलावार स्थिति पर विचार किया जा चुका है।
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डॉ. यूसी यादव, संयुक्त संचालक से सीधी बात
-प्रदेश के सारे जिलों में ब्लड बैंकों की स्थापना और सुदृढ़ीकरण की स्थिति क्या है?
-हां, यह सही है कि प्रदेश के सारे जिलों में ब्लड बैंकों की स्थापना के साथ ही सुदृढ़ीकरण हो चुका है। एक भी जिले में ब्लड बैंक का सुदृढ़ीकरण अब बाकी नहीं है।
-ब्लड बैंक संबंधी कार्य नहीं होने के बाद भी आपकी पदस्थापना क्यों है?
-देखिए, भविष्य में अगर नए जिले बनेंगे तो उनमें ब्लड बैंक भी खोले जाएंगे, तो उनके सुदृढ़ीकरण के लिए टैक्नीकल सपोर्ट देने का काम तो होगा ही।
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