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बोलेरो - ट्रक की भिडंत में 5 की मौत, 1 गंभीर

सागर और रायसेन जिले की सीमा पर सुमेर गांव के पास पुल पर आमने सामने की टक्कर में बोलेरो के परखच्चे उडे,  नई गाड़ी खरीदने की खुशी में पिकनिक मनाने गए थे 6 युवक,  मातम में डूबा बेगमगंज

शब्बीर अहमद, बेगमंगज (रायसेन)


बोलेरो सवार 5 युवकों की मौके पर ही दर्दनाक मौत
बोलेरो सवार 5 युवकों की मौके पर ही दर्दनाक मौत
 रायसेन और सागर जिले की सीमा पर सेमरी नदी के पुल पर बोलेरो और ट्रक की आमने सामने की भिडंत में बोलेरो सवार 5 युवकों की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। एक युवक बुरी तरह घायल हो गया, जिसको इलाज के लिए भोपाल के हमीदिया अस्पताल रेफर किया। बोलेरो में सवार युवक बेगमगंज के थे, जोकि नई गाड़ी खरीदने की खुशी में पिकनिक मनाकर राहतगढ़ से लौट रहे थे।
बेगमगंज नगर से 5 किमी दूर सुमेर ग्राम के पास सेमरी नदी के पुल पर रायसेन की ओर से जा रहे ट्रक एमएच 19 जेड 2188 और सागर की ओर से आ रही बोलेरो एमपी 04 बीए 8805 की जबरदस्त टक्कर में 4 युवकों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक युवक की मौत अस्पताल में उपचार के दौरान हो गई। एक मात्र जीवित बचे घायल युवक की गंभीर हालत देखते हुए तत्काल की भोपाल के लिए रेफर किया गया। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि, जीप के परखच्चे उड़ गए थे आगे का हिस्सा गायब हो गया था, ट्रक के दोनो अगले पहिए अलग हो गए थे। इसके नतीजे में चालक देवेन्द्र अहिरवार और मोहन ठाकुर के शव बुरी तरह बोलेरो की सीटों के बीच फंस गए थे, जिनको बमुश्किल निकाला गया।

मातम में बदली दीवाली की खुशियां

बोलेरो सवार 5 युवकों की मौके पर ही दर्दनाक मौत
टक्कर में बोलेरो के परखच्चे उडे
एक साथ पांच युवकों की मौत से बेगमगंज में सन्नाटा छा गया और दीवाली की खुशियां मातम में बदल गर्इं। बोलेरो को कुछ ही दिन पहले एससी एसटी छात्रावास अधीक्षक परसराम अहिरवार ने खरीदी थी। इसी बोलेरो को खरीदने पर दोस्तों को पार्टी देने के लिए परसराम अहिरवार का बेटा देवेन्द्र अहिरवार करीब 22 किमी दूर राहतगढ़ गया था। यहां पर जश्न मनाने के बाद शाम को सारे दोस्त मस्ती करते हुए बेगमगंज वापस लौट रहे थे कि, शाम को यह दर्दनाक हादसा हो गया। मृतकों में हदाईपुर मोहल्ला निवासी देवेन्द्र अहिरवार के अलावा संदीप प्रजापति, श्याम नगर निवासी मोहन ठाकुर,धर्मेन्द्र अठ्या की घटना स्थल पर और रिन्कू महाराज उर्फ धर्मेन्द्र भार्गव की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। पीछे की सीट पर बैठा सिर्फ मुकेश सेन ही जिंदा बच सका है। सभी मृतकों की उम्र 20 से 30 साल के बीच है। युवकों के शव जैसे ही अस्पताल पहुंचे तो भीड़ लग गई, जिसके चलते काफी देर तक मृतकों के परिजन को भी सही स्थिति का पता नहीं चल सका।

पुलिस से ज्यादा किसान सजग



मुकेश सेन
मुकेश सेन
शाम करीब 5:30 बजे तक टक्कर में पांच युवकों के मरने की खबर बेगमगंज से लेकर भोपाल तक फैल चुकी थी, इसके बाद भी घटना स्थल पर पुलिस के अफसर घंटों बाद पहुंचे। गौरतलब होगा कि, घटना स्थल बेगमगंज थाने से 5 किमी और राहतगढ़ थाने से 22 किमी दूर था। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि, जिसकी आवाज तीन किमी दूर तक सुनाई दी। इसके नतीजे में खेतों में काम कर रहे किसान दौड़ पडे और मदद में जुट गए। किसानों को उम्मीद थी कि, शायद कुछ लोग जिंदा बचे होंगे, जिनको बचाया जा सकेगा। हालांकि, एक के बाद एक शव निकलने के नतीजे में सभी 6 युवकों को चादरों से ढंक दिया गया। इसके बाद कराहने की आवाज आने के बाद ही पता चला कि, एक युवक मुकेश सेन की सांसे चल रही हैं। इसके बाद आनन फानन में उसको अस्पताल रवाना किया गया। घटनास्थल पर सबसे पहले बेगमगंज थाने के तीन सिपाही पहुंचे, उसके बाद राहतगढ़ थाने का पुलिस बल पहुंचा। दोनों थाने की पुलिस के बीच गफलत के नतीजे में पहले तीन शवों को राहतगढ़ ले जाया गया और दो शव बेगमगंज के सरकारी अस्पताल भेजे गए। इसके बाद घटना स्थल का निर्धारण होने पर बेगमगंज के अस्पताल में रखे शवों को राहतगढ़ के सरकारी अस्पताल भेजा गया। ताकि, पोस्टमार्टम हो सके।

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