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दिल्ली पर कब्जे के लिए कुनबे पर भरोसा

समाजवादी पार्टी ने पहली खेप में मुख्यमंत्री अखिलेश सिंह यादव के पिता मुलायम सिंह यादव और पत्नी डिंपल सहित 55 नामों की सूची जारी की

महाश्वेता तिवारी, लखनऊ.


मुलायम सिंह यादव
अभी नहीं तो कभी नहीं की तर्ज पर दिल्ली की लड़ाई की तैयारी में जुटी समाजवादी पार्टी ने एक बार फिर से अपनों पर ही भरोसा जताया है। सपा ने शुक्रवार को 55 लोकसभा सीटों के लिए प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी। इसमें सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के अलावा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल सहित कुनबे के ही नाम हावी हैं। इसके साथ ही उत्तरप्रदेश में लोकसभा चुनाव की तैयारी खुलकर शुरु करने का भी घोष हो गया है।

समाजवादी पार्टी ने अपने सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव को प्रधानमंत्री बनाने के लिए पहले परिवार और फिर अपनों पर दांव लगाया गया है। गौरतलब होगा कि, मुलायम सिंह यादव सार्वजनिक रूप से कई बार कह चुके हैं कि देश में आम चुनाव 2014 से पहले ही होंगे। सपा ने इसी दिशा में सबसे आगे रहने का सुबूत देते हुए आज लखनऊ में लोकसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की। पार्टी महासचिव राम गोपाल यादव ने 55 उम्मीदवारों के नाम घोषित करते हुए मध्यावधि चुनावों की हवा फिर से गरम कर दी। यादव ने कहा कि, चुनाव कभी भी हों, पार्टी चुनावों का सामना करने के लिए हरवक्त तैयार है।

आपराधिक पृष्ठभूमि से परहेज नहीं

हालांकि, हमेशा की तरह समाजवादी पार्टी की इस 55 प्रत्याशियों की पहली सूची में 6 दागियों के साथ ही नेताओं के 9 रिश्तेदार भी शामिल हैं। आपराधिक पृष्ठभूमि वाले 6 प्रत्याशियों में उन्नाव से प्रत्याशी बनाए गए अरुण शंकर शुक्ला, रॉबर्ट्सगंज (सुरक्षित) से पकौड़ी लाल कोल (सिटिंग एमपी), कैसरगंज से बृजभूषण शरण सिंह (सिटिंग एमपी), बांदा से आरके पटेल (सिटिंग एमपी), प्रतापगढ़ से सीएन सिंह और गौतमबुद्धनगर से नरेद्र भाटी के नाम शामिल हैं। पार्टी ने मैनपुरी से मुलायम सिंह और कन्नौज से डिंपल यादव के साथ ही मौजूदा 18 सांसदों पर भरोसा कायम रखते हुए दोबारा टिकट दिया है।

कुनबा फिर हावी

सांसद डिम्पल यादव
कांग्रेस पार्टी पर वंशवाद का आरोप लगाने वाली समाजवादी पार्टी की पहली सूची में ही सपा नेताओं के 9 रिश्तेदारों को भी टिकट देने में तरजीह दी गई है। इनमें मुलायम सिंह यादव की बहू और कन्नौज से सांसद डिम्पल यादव, रामगोपाल यादव के पुत्र अक्षय यादव को फिरोजाबाद और धर्मेन्द्र यादव (सिटिंग एमपी) को बदायूं से प्रत्याशी घोषित किया गया है। इसी तरह मंत्री कमाल अख्तर की पत्नी हुमेरा को अमरोहा से, सुकर्मपाल सिंह के बेटे डॉ. विजय कुमार सिंह को बागपत से, मंत्री आनन्द सिंह के बेटे कीर्तिवर्धन सिंह को गोण्डा से, बृज किशोर सिंह को बस्ती और राजरानी रावत को बाराबंकी (सुरक्षित) सीट से टिकट दिया गया है।

जीतने वालों पर दांव
जिन18 सिटिंग एमपी को टिकट मिले हैं, उनमें मुलायम सिंह यादव को मैनपुरी से, नगीना से यशवीर सिंह, बदायूं से धर्मेन्द्र यादव, शाहजहांपुर (सुरक्षित) से मिथलेश कुमार, हरदोई (सुरक्षित) से ऊषा वर्मा, मोहनलालगंज (सुरक्षित) से सुशील सरोज, इटावा (सुरक्षित) से प्रेमदास कठेरिया, कन्नौज से डिम्पल यादव, जालौन (सुरक्षित) से घनश्याम अनुरागी, बांदा से आरके पटेल, फतेहपुर से राकेश सचान, कौशाम्बी (सुरक्षित) से शैलेन्द्र कुमार, इलाहाबाद से कुंवर रेवती रमण सिंह, कैसरगंज से बृजभूषण शरण सिंह, बलिया से नीरज शेखर, मछलीशहर से तूफानी सरोज, चन्दौली से रामकिशुन और राबर्ट्सगंज (सुरक्षित) से पकौड़ी लाल कोल शामिल हैं।

गांधी परिवार पर रहम
मुलायम सिंह ने उत्तरप्रदेश के चुनाव जीतने के बाद अपने मंसूबे साफ करते हुए कहा था कि, अब लड़ाई दिल्ली के लिए होगी। सबसे पहले मध्यावधि का राग भी यादव ने ही छेड़ा, इसके बावजूद कांग्रेस से मधुर संबंध भी बनाए रखे जा रहे हैं। इसका अहसास इसी से होता है कि, सपा की पहली सूची में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के चुनाव क्षेत्रों में समाजवादी पार्टी ने अपने उम्मीदवारों का नाम तय नहीं किया है। हालांकि, बीते विधानसभा चुनावों में कांग्रेस का गढ़ मानी जाने वाली दोनों लोकसभा सीटों के अन्तर्गत आने वाली विधानसभा सीटों पर सपा ने कांग्रेस का सफाया कर दिया है। इसके बाद भी सपा के उम्मीदवारों की इस पहली लिस्ट में रायबरेली और अमेठी से उम्मीदवारों का ऐलान नहीं किया गया है।

प्रो. रामगोपाल यादव, प्रवक्ता एवं महासचिव, सपा ने फरमाया
प्रो. रामगोपाल यादव

-मध्यावधि चुनाव की हवा गरम करते हुए-
- एसपी कभी भी चुनावों का सामना सकती है। अगर इलेक्शन की घोषणा अभी हो जाए, तब भी हमें कोई फर्क नहीं पड़ता, हम तैयार हैं।
-पहले सूची जारी करने को लेकर-
- चुनाव से काफी पहले सूची जारी करने का फायदा होता है। प्रत्याशी अपने संसदीय क्षेत्र में अधिकतम मतदाताओं तक कम संसाधनों में पहुंच सकते हैं।
-आपराधिक पृष्ठभूमि वालों को टिकट पर-
- मेरे ही खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज हैं तो क्या अपराधी हो गया? सिर्फ आरोप लग जाने से कोई अपराधी नहीं हो जाता।

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