कार्तिकेय ने कहा कि ‘मैं युवराज नहीं हूं, बल्कि किसान पुत्र हूं’
प्रदेश में शिवराज और सीहोर जिले में कार्तिकेय संभालेंगे कमान
सूबे की सियासत में एक और युवराज का उदय हो गया है। चेहरे पर निश्छल मुस्कान और हर किसी से बेहद आत्मीयता से मिलने वाले इस युवराज का राजनीति में पदार्पण बिना किसी ताम-झाम और हंगामा किए हुआ है। बावजूद इसके कड़कड़ाती धूप में गांव-गांव की धूल छान रहे इस नए युवराज की एक झलक पाने के लिए ग्रामीण अपना काम-धाम छोडकर घंटो टकटकी लगाए खड़े रहते हैं। बात हो रही है शिव और साधना पुत्र कार्तिकेय की, जोकि विनम्रता और सादगी के साथ पिता के नक्शे कदम पर बढ़ चले हैं।
जब, मध्यप्रदेश में मिशन-2013 की कामयाबी के लिए राजनीतिक दल पूरी ताकत झोके हुए हैं, ऐसे में सीहोर जिले से एक नए राजनीतिक समीकरण की शुरुआत देखने को मिल रही है। सीएम शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय ने राजनीतिक गतिविधियों में भाग लना शुरू कर दिया है, इसकी शुरुआत के लिए उन्होंने अपने पिता के निर्वाचन क्षेत्र बुधनी को चुना है, जहां करीब दो दर्जन आयोजनों में सक्रिय भागीदारी कर चुके हैं। ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं को मजबूती देने व युवा संगठन को आगे लाने के मकसद से कार्तिकेय चौहान ने अभी तक गांव रामनगर, निम्नागांव, सालारोंड, सेमलपानी, महागांव, गोरखपुर, वासुदेव, इटावा इटारसी, छीपानेर व गोपालपुर गांवों का दौरा कर चुके हैं। इसके साथ ही बीच रास्ते में पड़ने वालों गांवों के किसानों और ग्रामीणों से मेल मुलाकात करते हुए गुजरते हैं।
मुख्यमंत्री पुत्र नहीं, बल्कि किसान पुत्र हूं
ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंचते ही सीएम पुत्र कार्तिकेय का हर जगह जोरदार स्वागत हो रहा है। इसी स्वागत को देखते हुए कार्तिकेय ने गुरुवार शाम नसरुल्लागंज क्षेत्र के गांव रामनगर में बेहद सादगी का परिचय देते हुए कहा कि मैं युवराज नहीं हूं, बल्कि मैं किसान पुत्र हूं। मैं मुख्यमंत्री का बेटा कहलाने से अच्छा किसान का बेटा कहलाना पसंद करता हूं। अपनी सभाओं में युवाओं को संबोंधित करते हुए कार्तिकेय कहते हैं कि स्वामी विवेकानंद जी के चरित्र एवं विचारों को अपनी जीवन शैली में उतार कर हम देश का निर्माण कर सकते हैं। उन्होंने युवाओं को आगामी 12 जून को आयोजित होने वाले नव मतदाता सम्मान व युवा सम्मेलन में आमंत्रित किया है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में युवा ज्यादा से ज्यादा उपस्थित हों, ताकि हम युवा वर्ग देश की उन्नति में अपना योगदान दे सकें।
संगठन भी युवराज के साथ-साथ

आडवाणी की भविष्यवाणी का संयोग
