पन्ना-अमानगंज स्टेट हाईवे में मनमाने तरीके से टोल वसूली हो रही है, जिसको लेकर लोगों में भारी असंतोष है। दक्षिण भारत की जीवीआर कम्पनी ने नियमों को ताक में रखकर गिट्टी व मिट्टी का मनमर्जी के मुताबिक उत्खनन करके सड़क का निर्माण कराया और अभी निर्माण कार्य पूरा भी नहीं हुआ, फिर भी टोल वसूली का काम शुरू कर दिया गया है। हैरानी की बात तो यह है कि कम्पनी ने एक सड़क बनवाई है और दो सड़कों की टोल वसूली पूरी दबंगई के साथ की जा रही है, फिर भी कोई बोलने वाला नहीं है।
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पन्ना-अमानगंज मार्ग में हो रही मनमानी टोल वसूली |
बनवाई गई एक सड़क और दो सड़कों की हो रही वसूली
उल्लेखनीय है कि पन्ना-सिमरिया वाया अमानगंज मार्ग का निर्माण मध्यप्रदेश सड़क विकास प्राधिकरण लिमिटेड द्वारा पब्लिक पार्टनशिप के तहत जीवीआर कम्पनी द्वारा कराया गया। सडक निर्माण कार्य अभी पूरा भी नहीं हुआ और कम्पनी सडक पर टोल प्लाजा बनाकर टोल टेक्स की वसूली शुरू कर दी गई है। इसके लिये 15 जून 2014 से बाकायदा एमपीआरडीसी भोपाल के महाप्रबंधक अरूण पालीवाल द्वारा टोल दरों का नोटिफिकेशन जारी किया। जबकि अमानगंज के पास कई किमी की सडक निर्माण कार्य अधूरा है। इतना ही नहीं 53.3 किमी की इस सडक पर अमानगंज के समीप प्रस्तावित बायपास का भी निर्माण नहीं कराया गया। संपूर्ण निर्माण कार्य पूर्ण नहीं होने के बाद भी एमपीआरडीसी के अधिकारियों द्वारा कम्पनी को लाभ पहुंचाने की मंशा से टोल दरें जारी कर दीं। टोल नाके से किसी को आपत्ति नहीं, लेकिन टोल वसूली में की जा रही अनियमित्ताओं से लोगों में खासा आक्रोष है। स्थानीय लोगों का कहना है कि टोल की वसूली ट्रिप आधार पर नहीं, बल्कि 24 घंटों में एक बार होनी चाहिये। ताकि स्थानीय लोग, जिन्हें इस रास्ते से दिन में कई बार गुजरना पडता है, उनके लिये मुसीबत खडी न हो। लेकिन एमपीआरडीसी इन नियमों में किसी भी तरह के संशोधन नहीं कर रहा। जिससे स्थानीय लोगों में आक्रोष बढता जा रहा है।
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बनवाई गई सड़क और दो सड़कों की हो रही वसूली |
इतना ही नहीं टोल प्लाजा के साइट सिलेक्शन में भी व्यापक स्तर पर अनियमित्ताऐं की गई है। अमझिरिया में बनाये गये टोल प्लाजा से महज 1 किमी दूर बराछ मोड है, जहां से गुनौर तहसील मुख्यालय के लिये जाने का मुख्य मार्ग है। कम्पनी ने अमानगंज के लिये सडक बनाई, लेकिन टोल प्लाजा को बराछ मोड से 1 किमी पहले बनाकर दो सडकों का टोल वसूला जा रहा है। एमपीआडीसी और जीवीआर कम्पनी की मिली भगत से टोल नाके से एक किमी की दूरी को बढाने से प्रति दिन हजारों रूपये का राजस्व बढाया गया, जिससे सीेधे तौर पर कम्पनी का फायदा मिलेगा। 15 साल के लिये इस सडक में टोल वसूली की अनुमति दी गई है, ऐसे में बिना सडक के ही गुनौर जाने वाले लोगों को टोल टेक्स देना होगा, जो सीधे तौर पर गलत है। दूसरी ओर, एमपीआरडीसी प्रबंधन को इससे कोई सरोकार जान नहीं पडता। इस व्यवस्था से आम लोग परेशान है, लेकिन जिला प्रशासन और स्थानीय नेता इस पर चुप्पी साधे है।
अवैध उत्खनन को लेकर चर्चित रही है कम्पनी
सड़क निर्माता जीवीआर कम्पनी ने जब पन्ना-अमानगंज सिमरिया रोड का निर्माण शुरू किया था, उसी समय इसके इरादे प्रकट हो गये थे। कम्पनी ने करोडों रुपए की रायल्टी व परिवहन व्यय बचाने मनमर्जी के मुताबिक जहां-तहां उत्खनन कराया। उस समय समाचार पत्रों में कम्पनी द्वारा कराये जाने वाले अवैध उत्खनन की तथ्यपरक खबरें भी प्रकाशित हुई। लेकिन जिला प्रशासन व खनिज विभाग इस ऊंची पहुंच वाली कम्पनी पर नकेल कसने में नाकाम रहा। जिले की खनिज संपदा का दोहन करने के बाद अब यह कम्पनी जिलेवासियों से मनमाना टोल वसूली करके अपनी जेब भरने में जुटी है। इस कम्पनी की मनमानी और तानाशाही पूर्ण रवैये के प्रति प्रशासन जहां अनजान बना हुआ है, वहीं क्षेत्रीय नेताओं और जनप्रतिनिधियों की भी बोलती बंद है। जनता लुट रही है, लेकिन इसकी किसी को परवाह नहीं है।
इनका कहना है -
नियमानुसार टोल प्लाजा का निर्माण किया गया है, पहले से ही तकनीकी रूप से भौतिक सत्यापन किया गया था। साइट सिलेक्शन में यदि कोई गलती हुई्र है तो इसके लिये तकनीकी विशेष ही स्पष्ट जानकारी दे सकते है। सडक निर्माण का कार्य पूर्ण होन के बाद ही सडक पर टोल वसूली की व्यवस्था की गई है। इसके लिये नियामानुसार जारी निर्देशों का पालन किया जा रहा है।
- अरूण पालीवाल, जीएम, एमपीआरडीसी भोपाल