Type Here to Get Search Results !

टमाटर क्रांति के बाद भी किसान कंगाल, बिचौलिए मालामाल

निशा राठौर, झाबुआ.

इन दिनों राजधानी सहित देश के कई बडे शहरों में टमाटर के भाव सुनकर आम उपभोक्ताओं के चेहरे भले लाल हो रहे हो, परन्तु इसके उलट इसका उत्पादन करने वाले किसानों की हालत बहुत दयनीय है, वे कर्ज में बुरी तरह डुबे हुए है। झाबुआ जिला इन शहरों को बहुत अच्छी क्वालिटी के टमाटर पहुंचाता है, परंतु इस जिले में टमाटर पैदा करने वाले किसानों के चेहरों पर खुशी की लालिमा कभी नही आई। झाबुआ जिले का टमाटर यूं तो देश की राजधानी दिल्ली के लोगों की रसोई को समृद्ध बनाता ही है। वहीं, बाघा बार्डर के रास्ते पाकिस्तान के विभिन्न शहरों के बाशिंदों के दस्तरखान की शान बढाता है, लेकिन अगर इनके उत्पादक किसानों के दिलों में झांककर देखा जाय तो टमाटर को बोने से लेकर पैदा करने तथा मंडी तक पहुंचाने में जितनी परेशानी क्षेत्र के किसानों को उठाना पडती है। उसमें उनकी असल तस्वीर दिखाई पडेगी। 

झाबुआ जिले में पैदा होता है आला किस्म का टमाटर
झाबुआ जिले में होता है आला किस्म का टमाटर
झाबुआ जिले में पैदा होता है आला किस्म का टमाटर, उत्पादकों को नहीं मिलता लाभ

एक हजार हेक्टेयर जमीन पर होने वाली फसल के नतीजे में 100 ट्रक रोजाना सप्लाई


झाबुआ का लाल टमाटर बाघा बार्डर पार करके पहुंचता है पाकिस्तान तक


झाबुआ जिले की पेटलावद तहसील में हिमाचल प्रदेश के बाद देश में सर्वाधिक उमदा किस्म के टमाटर पैदा होते है। इस क्षेत्र के रायपुरिया, रामनगर, खवासा, कोदली, जामली, बरवेट, बनी, रूपगढ, बावडी, करवड, सारंगी आदि गांवों के लगभग 1 हजार हेक्टेयर से अधिक जमीन में टमाटर की खेती की जाती है। इस क्षेत्र से सीजन में 100 ट्रक दिल्ली के आजादपुरी मंडी के अलावा मुम्बई, ठाणे, अहमदाबाद, इंदौर, नाडीयाद, भोपाल आदि शहरों के अलावा अमृतसर होते हुए बाघा बार्डर पार करके पाकिस्तान भी भेजे जाते है।

किसानों के बजाय बिचौलियों की चांदी
इन बडे शहरों की मंडियों में टमाटर उंचे भाव पर बिकता है, परंतु क्षेत्र के किसानों को वे ऊंचे भाव नही मिल पाते। इसकी वजह यह है कि इस धंधे में बिचौलियों की पूरी श्रृंखला काम करती है। स्थानीय स्तर पर बिचौलिए कियेदार कहलाते है, जो दिल्ली के एजेंट को टमाटर सप्लाय करता है और दिल्ली का बडा एजेंट वहां फुटकर व्यवसाईयों को टमाटर बेचता है। इसमें बिचौलिये भारी मुनाफा कमाते है और किसानों को शोषण का शिकार होना पडता है।

कर्ज के फंसे किसानों की मजबुरी
चंूकी टमाटर की खेती में बहुत मंहगे बीज, खाद और कीटनाशक की आवश्यकता होती है, इसलिए खेती करने के लिए किसान प्राय: टमाटर की एवज में अग्रिम भुगतान या फिर कर्ज ले लेते है। इसे चुकता करने में उनकी फसल का बडा हिस्सा चला जाता है और उनके पल्ले नाम मात्र के रूपये ही आ पाते है। एजेंट मनमर्जी के कम भाव बताकर किसानों का शोषण करते है। रूपगढ निवासी किसान बाबूलाल चोयल का कहना है कि टमाटर की खेती सामान्य किसान के लिए मंहगा सौदा हो गई है। बावजूद कभी ना कभी लाभ होने की उम्मीद में किसान खेती करते है। रायपुरिया निवासी किसान शांतिलाल कांग का कहना है कि टमाटर की खेती में 16 हजार रूपये प्रति लीटर के भाव की मंहगी कीटनाशक का उपयोग करना पडता है, तब जाकर पौधों पर फल दिखाई देते है। इसके बाद भी उन्हें उचित भाव नही मिलते है।

कीटनाशकों से खराब हो रही है जमीन

बीते वर्षो तक टमाटर की अच्छी फसल होने के बाद अत्यधिक रासायनिक उवर्रक व जहरीले कीटनाशक का उपयोग करने के कारण किसानों की जमीनें खराब हो रही है। खेतों की उरर्वर क्षमता में लगातार कमी आ रही है। उन खेतों में दुसरी फसले उपजना भी कठीन हो गया है। जिन खेतों में कुछ वर्षो से किसानों ने टमाटर की फसल ली, वहां भूमि बंजर होने लगी है तथा उसमें जहर का असर भी दिखने लगा है। इससे किसान परिवारों की सेहत पर भी खतरा मंडराने लगा है।

उत्पादन जबर्दस्त, फिर भी नही है प्रसंस्करण इकाई
झाबुआ जिला टमाटर उत्पादन के मामले में देश में पहले पांच जिलों में शामिल है, परन्तु यहां न तो किसानों को सरकार की ओर से बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध है और न ही किसी तरह का प्रोत्साहन पैकेज दिया जाता है। लंबे समय से क्षेत्र के किसान बिचौलियों से छुटकारा पाने के लिए स्थानीय स्तर पर टमाटर प्रसंस्करण इकाई लगाने की मांग करते रहे है, लेकिन प्रशासन ने इस ओर कोई ध्यान नही दिया। राजनैतिक स्तर पर भी क्षेत्र के टमाटर उत्पादकों को छला गया। दोनों मुख्य राजनीतिक दलों ने भी कई बार अपने चुनावी घोषणा पत्रों में जिले में टमाटर आधारित उद्योग लगाने का वादा किया, परन्तु किसी भी दल ने उसके क्रियांवयन के लिए कभी कोई पहल नही की। क्षेत्र के किसान टमाटर की खेती करने के चक्कर में निजी क्षेत्र का बडा कर्जदार बन गया है। उसे नही पता कि उसके अच्छे दिन कब आयेगे।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.