अशफाक उल्लाह खान, भोपाल
एक तरफ विभिन्न स्तरों पर जांच कराने और किसी तरह के भेदभाव न किए जाने के दावे किए जा रहे हैं, दूसरी तरफ जिंदगी और मौत से जूझ रही आरक्षक ऋतु कुमारी चौहान के खुद को गोली मारने के मामले को उसकी लाइलाज बीमारी से जोड़कर कुसूरवार डिप्टी कमाण्डेंट को बचाने की पूरी तैयारी कर ली गई है। सीआईएससफ के स्पेशल डीजी ओपी सिंह ने मंगलवार को पत्रकारवार्ता में यह बात कहकर चल रही जांचों और अब तक के बयानों का रुख मोड़ने की नाकामयाब कोशिश कर डाली।
पत्रकारों के सवालों पर बगलें झांकने लगे मुंबई से आए डीजी ओपी सिंह
ऋतु चौहान के शुरुआती बयानों में डिप्टी कमांडेंट की प्रताड़ना का जिक्र
मुंबई से खासतौर से भोपाल आए सीआईएससफ के स्पेशल डीजी ओपी सिंह ने भोपाल एयरपोर्ट पर पत्रकारों को संबोधित करते हुए दावा किया कि ऋतु कुमारी चौहान लंबे समय से आईटीपी नामक लाइलाज बीमारी से पीड़ित है। जिसके चलते उसे थकान और कमजोरी की शिकायत रहती है। इसी अवसाद में आकर उसने खुद को गोली मार ली। पत्रकारों द्वारा ऋतु कुमारी चौहान की इस बीमारी के डाक्यूमेंटरी एविडेंस मांगने पर स्पेशल डीजी बगलें झांकने लगे। स्पेशल डीजी यह भी नहीं बता पाए कि वे इस नतीजे पर कैसे पहुंचे कि ऋतु ने इस बीमारी के चलते ही खुद को गोली मारी है। जब ओपी सिंह से यह जानना चाहा गया कि यह प्रेस कान्फ्रेंस करने का औचित्य क्या है और उन्हें अपनी सफाई देने के लिए खुद भोपाल क्यों आना पड़ा, तो उन्होंने सवाल को टाल दिया।
दावा यह भी किया
दूसरी तरफ स्पेशल डीजी ने यह दावा भी किया कि मामले की कोर्ट आॅफ इन्क्वायरी चल रही है, जिसकी जांच रिपोर्ट आने के बाद उचित फैसला लिया जाएगा। उन्होंने इस बात को भी दोहराया कि सीआईएससफ लगातार ऋतु कुमारी चौहान के संपर्क में है। उसके तथा उसके परिवार के साथ किसी तरह का अन्याय नहीं किया जाएगा, न ही किसी कुसूरवार को बचाया जाएगा।
सवाल यह खड़ा हुआ
सीआईएससफ के स्पेशल डीजी द्वारा ऋतु कुमारी चौहान की लाइलाज बीमारी के बारे में जिक्र किए जाने पर पत्रकारों ने सवाल उठाए कि ऋतु की नियुक्ति के दौरान किए गए मेडिकल में इसका पता क्यों नहीं लगा। अगर पता लगा था तो उसे नौकरी पर क्यों रखा गया। और अगर इसकी जानकारी सीआईएससफ को ऋतु की नियुक्ति के बाद भी लगी तो उसे नौकरी से अलग क्यों नहीं किया गया। डीजी सिंह इन सवालों पर बगले झांकने लगे और गोलमोल जवाब देकर सवालों को टाल गए।
ऋतु का बयान कुछ और
ऋतु कुमारी चौहान ने खुद को गोली मारने के बाद अस्पताल में जो शुरूआती बयान दिए हैं, उनमें डिप्टी कमांडेंट विजय धनकर की प्रताड़ना का साफतौर पर उल्लेख किया गया है। हादसे के बाद अलग-अलग स्तरों पर अधिकारियों और कर्मचारियों के दर्ज बयान में भी यही बात उभरकर आई है कि धनकर के सख्त रवैये से सीआईएससफ का पूरा स्टाफ बेहद परेशान है।
महिला अधिकारी भी कर रही जांच
ऋतु कुमारी चौहान द्वारा खुद को गोली मारकर आत्महत्या करने के प्रयास के मामले की जांच कमांडेंट द्वारा की जा रही है। साथ ही इस जांच का जिम्मा एक महिला अधिकारी को भी सौंपा गया है। जानकारी के मुताबिक इस मामले में अलग-अलग तीन जांचें प्रचलन में हैं।
यह है मामला
सीआईएसएफ की सिपाही ऋतु कुमारी चौहान ने 5 अगस्त की दोपहर करीब 2:30 बजे एयरपोर्ट क्षेत्र में ही खुद पर सर्विस रिवाल्वर से वार कर लिया था। पेट में लगी गोली के बाद उसे गंभीर हालत में पहले पीपुल्स अस्पताल में भर्ती किया गया था। जहां हालत में सुधार होता दिखाई न देने पर उसे गुडगांव के वेदांता अस्पताल रैफर कर दिया गया, जहां उसकी हालत स्थिर बनी हुई है।