प्रदेश के सबसे पिछड़े कहे जाने वाले पन्ना जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की यह बानगी है। जिला मुख्यालय से महज 25 किमी दूर उप स्वास्थ्य केन्द्र जरधोवा के संचालन के लिए हर साल लाखों रुपए का बजट आवंटन होकर खर्च भी हो रहा है, जबकि मौके पर अस्पताल में बीमारों के इलाज के बजाय मवेशी बांधे जा रहे हैं। अस्पताल भवन में गंदगी और कचरा भरा पड़ा है, घास तक उग आई और जिनके पास कहीं ठिकाना नहीं होता, वह यही ठिकाना बना लेते हैं। इस भवन में एक दिन भी न तो डॉक्टर आए और न ही कभी किसी बीमार का इलाज किया गया, फिर भी हर साल लाखों रुपए का बजट इसी अस्पताल के नाम से आंवटित होकर पूरा का पूरा खर्च भी हो जाता है।
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उप स्वास्थ्य केंद्र में बांधे जा रहे मवेशी |
इस केन्द्र के संचालन हेतु हर साल निकल रही राशि
जरधोवा गांव के आदिवासी टोला में सड़क किनारे उप स्वास्थ्य केन्द्र स्थित है, जिसे सहजता से पहचाना नहीं जा सकता। भवन को बने तकरीबन सात वर्ष हो गये हैं फिर भी इस भवन में कहीं भी उप स्वास्थ्य केन्द्र नहीं लिखाया गया है। ग्रामीणों की माने तो जब से यह भवन बना है आज तक यहां पर स्वास्थ्य विभाग का कोई कर्मचारी नहीं आया। भवन के भीतर का नजारा देखकर तो कोई कल्पना भी नहीं कर सकता कि यह उप स्वास्थ्य केन्द्र है। चैनल गेट को पार करते ही सामने एक चारपाई पड़ी है जिसमें गंदी गुदड़ी बिछी हुई है। बगल के कमरे में भूसा भरा हुआ है तथा अन्दर सभी कमरों व आंगन में मवेशियों को बांधने की व्यवस्था है। भवन के भीतर प्रवेश करते ही गोबर व पशु मूत्र की तेज गंध आती है। नाक में रूमाल रखकर जब रेलिक रिपोर्टर ने जब भवन में प्रवेश किया तो अन्दर कई बकरियां विचरण कर रही थीं तथा उनके खाने के लिए हरे वृक्षों की पत्तीदार टहनियां भी पड़ी थीं।
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उप स्वास्थ्य केंद्र के भीतर का नजारा |
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उप स्वास्थ्य केन्द्र जरधोवा का भवन |
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मंत्री सुश्री महदेले द्वारा भूमि पूजन की पट्टिका |
जरधोवा के इस उप स्वास्थ्य केन्द्र भवन का निर्माण ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग द्वारा 5.70 लाख रूपए की लागत से कराया गया था। भवन के निर्माण की गुणवत्ता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बीते 6 सालों में ही उसकी दीवालें चटक गई हैं तथा छत जगह-जगह से चू रही है। सबसे आश्चर्य जनक बात तो यह है कि इस उप स्वास्थ्य केन्द्र भवन का भूमि पूजन तत्कालीन महिला एवं बाल विकास मंत्री सुश्री कुसुम सिंह महदेले द्वारा किया गया था। वर्तमान में सुश्री महदेले प्रदेश शासन में पीएचई, पशुपालन विभाग की मंत्री हैं फिर भी उनके ही विधानसभा क्षेत्र में इस तरह का गोरख धंधा चल रहा है और आम जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया जा रहा है।