रेलिक रिपोर्टर, शाहजहांपुर.
अभिव्यक्ति नाट्य मंच व सामाजिक संस्था मास के तत्वाधान में शहीदों के नगरी में पहली बार आयोजित शाहजहांपुर रंग महोत्सव अखिल भारतीय नाट्य व नृत्य प्रतियोगिता में कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों से मन मोह लिया।
शाहजहांपुर रंग महोत्सव अखिल भारतीय नाट्य व नृत्य प्रतियोगिता
शुरुआत सबसे पहले असम से आई भास्यवती कोलिता ने लोकनृत्य ‘बिहू’ करके जोरदार अंदाज में की। दर्शको की मांग पर श्रद्धांजलि सारंगी द्वारा पहले किये गये ओडिशा लोकनृत्य को दोबारा प्रस्तुत किया गया। असम से ही आई मृदुस्मिता सोहारिया ने बिहू पेश कर दर्शको का दिल जीत लिया। इसके बाद पडोसी शहर बरेली से आई बिंदास डांस अकादमी की ट्विंकल बिंदास ने लावणी लोकनृत्य से मिलता हुआ बॉलीवुड स्टाइल नृत्य पेश कर दर्शको की तालिया बटोरी। फिर बेंगलुरु से आई समाजसेवा समिति ने कर्नाटक का लोकनृत्य प्रस्तुत कर समारोह में जान डाल दी।
नृत्य के बाद नाटकों के मंचन का सिलसिला शुरू हुआ जिसमे प्रथम नाटक सहारनपुर से आई संस्था रंगयात्रा ने लेखक शरद जोशी द्वारा लिखित आज की राजनीती पर कटु व्यंग करता हास्य नाटक अन्धों का हाथी का मंचन कर दर्शको को गुदगुदाया। इसके बाद रांची, झारखण्ड से आई संस्था युवा नाट्य संगीत अकादमी संस्था ने नाटक अब तो घबरा के कहते हैं की मर जायेंगे का मंचन किया। यह नाटक उन प्रेत आत्माओ पर आधारित था जिन्होंने तनाव में आकर संघर्ष करने के बजाय आत्महत्या कर ली।
नृत्य के निर्णायक मंडल में बसंत साइक्या व प्रभा गौर रहे। नाटक के निर्णायक मंडल में उत्तम कुमार, एमसी विश्वकर्मा व राजेश गौर रहे। संचालन सुरेश मिश्र ने किया। कार्यक्रम प्रबन्धन में अजय मोहन शुक्ल, विनीत सिंह , संजय डोनाल्ड सिंह , अरविन्द चोला, अतीक रहमान, शालू यादव, कोमल, दिव्यांशु , रिजवान, प्रवीण गौर, रिशिकांत व शिवम श्रीवास्तव का योगदान रहा।
नृत्यों की एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियों ने मन मोहा
दिसंबर 18, 2014
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