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लोकसभा चुनाव 2019: एसपी-बीएसपी में 'नो एंट्री', वेस्टर्न यूपी के लिए कांग्रेस का 'मास्टर प्लान

 मेरठ
लोकसभा चुनाव 2019 के लिए एसपी और बीएसपी के बीच गठबंधन हो गया है। हालांकि, अखिलेश-मायावती की इस दोस्ती से कांग्रेस को दूर रखा गया है। उत्तर प्रदेश में अपने दम पर चुनावी जंग में कूदने का ऐलान कर चुकी कांग्रेस वेस्टर्न यूपी में मुस्लिम कार्ड खेलने में कामयाबी देख रही है। इसके लिए उसने दमदार प्रत्याशियों की तलाश और संपर्क करना शुरू कर दिया है




दरअसल, वेस्टर्न यूपी मुस्लिमों का मजबूत किला माना जाता है। कांग्रेस के एक प्रदेश पदाधिकारी के मुताबिक, जिन सीटों पर मुस्लिम मतों की संख्या अच्छी है, वहां खास ध्यान दिया जाएगा। इसकी एक वजह मध्य प्रदेश राजस्थान और छत्तीसगढ़ में मिली जीत के बाद कांग्रेस के प्रति मुस्लिमों का बदला हुआ रुझान दिखना है।

बात की जाए सहारनपुर की तो इसे कांग्रेस का गढ़ कहा जाता है। यहां से आज भी कांग्रेस के दो विधायक हैं। गौरतलब है कि 2014 में मोदी लहर के बाद भी चार लाख सात हजार वोट सहारनपुर में कांग्रेस के प्रत्याशी को मिले थे। कांग्रेस नेता के मुताबिक, अमरोहा, रामपुर, संभल, बिजनौर और गाजियाबाद में भी कांग्रेस की जमीन मजबूत है। हालांकि, मेरठ में बॉलिवुड ऐक्ट्रेस नगमा को 2014 में उतारने के बाद भी पार्टी कोई बड़ा करिश्मा नहीं कर पाई थी, वह चौथे नंबर पर रही थीं। इस वजह से पार्टी यहां मुस्लिम कार्ड खेलने से परहेज कर सकती है। बता दें कि वेस्टर्न यूपी में 28 में से 25 सीट 2014 में बीजेपी ने जीती थी और तीन पर एसपी ने मुकाबला अपने नाम किया था।

यहां पर ज्यादा है मुस्लिम आबादी
मेरठ, नगीना, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बागपत, कैराना, बुलंदशहर, गाजियाबाद, रामपुर, मुरादाबाद, अमरोहा, संभल, बरेली जैसी सीटों पर मुस्लिम आबादी काफी ज्यादा है। कांग्रेस के मजबूती से चुनावी जंग में उतरने और मुस्लिम कार्ड खेलने से यहां चुनाव दिलचस्प होने की संभावना रहेगी। अब अगर नजर डाली जाए वेस्टर्न यूपी में (2011 की जनगणना के मुताबिक) मुस्लिम आबादी की तो सहारनपुर में 41.94, मुजफ्फरनगर में 41.30, मेरठ में 34, गाजियाबाद में 25.34, गौतमबुद्धनगर में 13.07, बुलंदशहर में 22.21, बागपत में 27.97, बिजनौर में 43.04,मुरादाबाद में 47.12, रामपुर में 50.57 प्रतिशत अल्प संख्यक समुदाय के लोग हैं।

कांग्रेस के सामने क्या है चुनौती?
कांग्रेस के सामने मुस्लिम कार्ड खेलने के बाद वेस्टर्न यूपी में उसके कामयाब होने की चुनौती भी कम नहीं रहेगी। दरअसल, इस इलाके में लंबे वक्त से मुस्लिमों पर एसपी और बीसएपी का मजबूत दावा है। चुनाव परिणाम भी साबित करते हैं कि मुस्लिमों का रुझान एसपी-बीएसपी की तरफ ही ज्यादा रहता है। वेस्टर्न यूपी की ज्यादातर लोकसभा और विधानसभा सीटों पर इन दोनों दलों का ही कब्जा रहा है।

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