नई दिल्ली
केंद्रीय विश्वविद्यालय में टीचरों की नियुक्ति में आरक्षण के लिए यूनिवर्सिटी आधार न होकर, बल्कि विभाग आधार होगा। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट
 के उस फैसले को सही ठहराया है, जिसमे टीचरों की नियुक्ति में दिए जाने 
वाले आरक्षण के लिए डिपार्टमेंट को एक यूनिट के तौर पर माना जाएगा। हाई 
कोर्ट के फैसले को केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसे सुप्रीम
 कोर्ट के जस्टिस यूयू ललित की बेंच ने खारिज कर दिया। इलाहाबाद हाई कोर्ट 
ने 2017 में फैसला दिया था।
 सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाई कोर्ट का फैसला सही है और तार्किक है। सुप्रीम
 कोर्ट ने कहा कि कैसे एक डिपार्टमेंट के प्रफेसर की तुलना दूसरे से होगी। 
अलग-अलग विभाग के प्रेफेसर का डिपार्टमेंट चेंज नही हो सकता। केंद्र की ओर 
से अडिशनल सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि डिपार्टमेंट को एक यूनिट मानने से कई 
विषमता हो जाएगी, लेकिन अदालत इसे संतुष्ट नही हुआ और अर्जी खारिज कर दी। 
अदालत ने क्वेश्चन ऑफ लॉ को ओपन रखने की केंद्र की दलील नही मानी। 

 
 
 
 
 
 
 
 
