ग्वालियर
मप्र हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच में सरकारी वकीलों का कार्यकाल 31 जनवरी को समाप्त होने जा रहा है। सत्ता परिवर्तन के बाद ये माना जा रहा है कि सूची में नए नामों को तरजीह दी जाएगी। हालांकि कुछ सरकारी वकील ऐसे भी है, जो पद पर बने रहने के प्रयास में जुटे हुए हैं। जानकारी के अनुसार, कुल 40 पदों के लिए 425 वकीलों ने आवेदन किया है। इनमें 15 से अधिक नाम सरकारी वकीलों के भी हैं।
हालांकि 31 जनवरी को अाने वाली सूची को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है। कुछ वकीलों का मानना है कि सरकारी वकीलों के कार्यकाल को एक महीने के लिए और बढ़ा दिया जाएगा। वहीं कुछ ये दावा कर रहे हैं कि चुनिंदा नामों को छोड़कर अधिकांश नए नामों को मौका दिया जाएगा। प्रदेश में नई सरकार बनने के बाद विशाल मिश्रा ने अतिरिक्त महाधिवक्ता और अमि प्रबल ने उप-महाधिवक्ता के पद से इस्तीफा दे दिया था। प्रशासनिक व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए अंकुर मोदी को अतिरिक्त महाधिवक्ता के पद पर नियुक्त किया जा चुका है। चूंकि सरकारी वकीलों का कार्यकाल 31 जनवरी को समाप्त होने जा रहा है।
इस कारण न तो सरकारी वकीलों ने अपने पद से इस्तीफा दिया और न ही सरकार ने उन्हें हटाने का आदेश जारी किया। हालांकि अधिकांश सरकारी वकील यह मान कर चल रहे हैं कि उनका नाम अगली सूची में नहीं होगा। इस कारण 12 से अधिक सरकारी वकील पिछले कुछ दिनों से छुट्टी पर चल रहे हैं। इस कारण से अन्य सरकारी वकीलों को और दिनों की तुलना में ज्यादा काम करना पड़ रहा है। सूची को लेकर विधि एवं विधायी कार्य विभाग के प्रमुख सचिव सतेंद्र कुमार सिंह से भी बात की गई लेकिन उन्होंने भी कुछ बताने से मना कर दिया।