भुवनेश्वर
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस में प्रियंका गांधी की एंट्री पर लग रहीं अटकलों पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी
ने जवाब दिया है। राहुल ने शुक्रवार को भुवनेश्वर में एक कार्यक्रम में
कहा कि प्रियंका को राजनीति में लाने का फैसला काफी पहले ले लिया गया था,
लेकिन बच्चे छोटे होने के कारण वह देर से कांग्रेस में शामिल हो पाईं। राहुल ने कहा कि प्रियंका और उनकी सोच काफी मिलती है और ज्यादातर
फैसलों पर दोनों की राय एक जैसी ही होती है। राहुल ने कहा, 'मैंने 10 दिनों
में कोई फैसला नहीं किया है। मैं बहुत पहले से उनसे राजनीति में आने पर
बात कर रहा था। प्रियंका कह रही थीं कि उनके बच्चे छोटे हैं और मैं उनकी देखभाल पर ध्यान देना चाहती हूं। अब उनके बच्चे बड़े हो गए हैं।
एक यूनिवर्सिटी की पढ़ाई कर रहा है और दूसरा यूनिर्वसिटी जाने को तैयार है।
इस तरह की चर्चा हमारे बीच होती थी।' प्रियंका को कांग्रेस का ट्रंप कार्ड
के तौर पर देखा जा रहा है और ऐसा कहा जा रहा है कि यह फैसला राहुल ने
अचानक लिया और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को भी इसकी खबर नहीं थी।
राहुल ने कहा, 'यह काफी अजीब बात है, अगर आप एक ही मुद्दे पर मेरी बहन से
उनकी राय मांगे और फिर उसी मुद्दे पर मुझसे राय मांगे और हम दोनों अलग-अलग
कमरे में बैठे हों, तो भी 80 फीसदी बार हमारे विचार एक ही तरह के होंगे।
आपके मेरी बहन के साथ मेरे रिश्ते को समझना होगा। हम एक बड़े परिवार से थे
पर हमारे लिए सबकुछ बहुत आसान भी नहीं था। राहुल ने लोकसभा चुनाव से पहले उनके राजनीति में लाने के सवाल पर कहा,
'ऐसा कहना सही नहीं है कि यह फैसला 10 दिन पहले हुआ। मेरी बहन के राजनीति
में आने का फैसला सालों पहले ही हो गया था। वह बच्चों के कारण देर से आईं,
क्योंकि उनके बच्चे काफी छोटे थे। उनका कहना था कि वह बच्चों की देखभाल के
लिए उनके साथ रहना चाहती हैं। अब उनका एक बच्चा यूनिवर्सिटी में है। दूसरी
संतान भी जल्द ही यूनिवर्सिटी जाने वाली है और इसलिए उन्होंने सक्रिय
राजनीति में आने का फैसला कर लिया।'
गुलाम नबी आजाद को भी नहीं थी फैसले की जानकारी
बता दें कि मीडिया में ऐसी खबर है कि प्रियंका गांधी को कांग्रेस
महासचिव बनाने का फैसला राहुल ने अचानक लिया। इसके बारे में उत्तर प्रदेश
प्रभारी गुलाम नबी आजाद को भी जानकारी नहीं थी। सूत्रों का कहना है कि
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने यह हाई-वोल्टेज फैसला इतनी सतर्कता से
उठाया कि उनके खास लोगों को भी भनक नहीं लगी। हर कदम पर रखी गई सीक्रेसी इस
फैसले के महत्व को सामने रखती है।
'प्रियंका और मेरी सोच बहुत एक जैसी है'
बहन के साथ अपने रिश्तों के बारे में राहुल ने कहा कि यह रिश्ता बहुत
खास किस्म का है। उन्होंने कहा, 'अगर आप एक ही मुद्दे पर मुझसे और मेरी बहन
से बात करेंगे तो यह थोड़ी अजीब बात है, लेकिन हमारा विचार अक्सर एक जैसा
होता है। अगर आप मुझे फोन करेंगे और फिर मेरी बहन को और एक ही मुद्दे पर
बात करेंगे तो 80% समय हमारी राय एक होगी।'
उन्होंने बचपन की मुश्किलों का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि हम
बड़े परिवार से थे और हमें चीजें आसानी से मिलीं तो ऐसा नहीं है। हम दोनों
ने बचपन में काफी संघर्ष भी किया और एक जैसी परिस्थितियों में बड़े हुए। इस
कारण बड़े मुद्दों पर हमारे फैसले और सोचने का तरीका एक सा ही होता है।