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शहरीकरण आज की सबसे बड़ी जरूरत : मुख्यमंत्री डॉ. यादव



भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि शहरीकरण आज की सबसे बड़ी जरूरत है। नागरिकों का जीवन और अधिक सरल, सहज और सुविधा सम्पन्न बनाना ही हमारा लक्ष्य है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि बेहतर सार्वजनिक सुविधांए नागरिकों और समाज को न केवल मजबूत करती है बल्कि उन्हें जिम्मेदार भी बनाती हैं। इसी दिशा में प्रदेश सरकार लगातार कदम बढ़ा रही है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के शहरों का विकास उनकी तासीर और विशिष्ट पहचान के अनुरूप किया जा रहा है। शहरों के विकास में हम वहां की पुरा-धरोहरों और विरासतों का भी ध्यान रख रहे हैं। ग्रीन और क्लीन सिटीज के निर्माण की दिशा में हम योजनाबद्ध तरीके से आगे बढ़ रहे हैं। अर्बन डेवलपमेंट के लिए कार्बन उत्सर्जन पर पूर्ण रोक लगाना एक बिग टास्क है। इन सभी चुनौतियों को पार करते हुए नागरिकों को स्वच्छ परिवेश देने के लक्ष्य पर आगे बढ़ रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव शुक्रवार को भोपाल में एक मीडिया समूह द्वारा आयोजित अर्बन ट्रांसफार्मेशन समिट-2025 को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि बड़े शहरों में मेट्रोपोलिटन सिटी रीजन की परिकल्पना के साथ सभी प्रमुख नगरों में मेट्रो ट्रेन सेवा और बड़े फ्लाईओवर का निर्माण किया जा रहा है, जिससे पब्लिक ट्रांसपोर्ट को सरल और आधुनिक बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्मार्ट सिटीज का निर्माण कर लोगों की नई पीढ़ी की जरूरतें पूरी की जा रही हैं। इन सभी प्रयासों से प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में विकास की नई धारा बहेगी और नागरिकों का जीवन और अधिक सुखद एवं सुरक्षित बनेगा।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में शहरी विकास की योजनाओं का बेहतर ढंग से क्रियान्वयन हो रहा है। हमारा इंदौर लगातार 8 वर्षों से देश का सबसे स्वच्छ शहर है, हमारे अन्य प्रमुख शहर जैसे भोपाल, जबलपुर, उज्जैन और ग्वालियर भी डिजिटल सु-शासन, गतिशीलता और ईज ऑफ लिविंग को बढ़ावा देते हुए उत्कृष्ट शहरों के रूप में उभरे हैं। प्रदेश में अफॉर्डेबल हॉउसिंग के अंतर्गत 8.56 लाख आवासों का निर्माण पूर्ण किया जा चुका है, जिनमें से लगभग 7.75 लाख (82 प्रतिशत) आवास परिवार की महिलाओं या संयुक्त नाम से हैं। हमने लगभग 10 लाख नये घरों का निर्माण करने का लक्ष्य रखा है, जिस पर 50 हजार करोड़ का निवेश होना संभावित है। अमृत योजना 2.0 में सभी नगरीय निकायों को शामिल किया गया है। योजना के अंतर्गत जल आपूर्ति में 5869 करोड़ रुपये की 297 परियोजनाओं में से 3450 करोड़ रुपए की 224 परियोजनाओं के कार्य प्रारंभ हो चुके हैं। सीवरेज की 4932 करोड़ रूपये की 36 परियोजनाओं में से 1312 करोड़ रुपये की 04 परियोजनाओं के कार्य प्रारंभ हो गया है, इससे प्रदेश की लगभग 60 प्रतिशत शहरी आबादी लाभान्वित होगी। प्रदेश में नगरीय क्षेत्रों के संभावित विस्तार के दृष्टिगत हमारी सरकार द्वारा 'मध्यप्रदेश मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र नियोजन और विकास अधिनियम, 2025' को मंत्रि-परिषद से स्वीकृति भी मिल गई है। विकसित मध्यप्रदेश- 2047 के तहत प्रदेश का 2 ट्रिलियन इकोनॉमी का लक्ष्य है, जिसमें शहरी क्षेत्रों की भागीदारी महत्वपूर्ण रहेगी।

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