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हमें हमारी पराक्रमी सेना पर गर्व है - मुख्यमंत्री डॉ. यादव


भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि यदुनंदन जिधर होते हैं, जीत भी उधर ही होती है। धर्म की रक्षा के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने पांडवों का सारथी बनना स्वीकार किया। उन्होंने धर्म स्थापना के लिए अपना सर्वस्व दे दिया। हमारे सैनिकों ने रेजांग-ला युद्ध में जीत हासिल कर दुश्मनों से देश की रक्षा की। हमारे सैनिकों का शौर्य भारी पड़ा हमें हमारी पराक्रमी सेना पर बेहद गर्व है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने रेजांग-ला युद्ध में अपने प्राणों को बलिदान कर चीनी सैनिकों को मुंहतोड़ जवाब देने वाले अमर शहीदों को नमन किया।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव शुक्रवार को अटल पथ पर रेजांग-ला युद्ध में अमर बलिदानियों के श्रद्धांजलि कार्यक्रम को संबोधित कर रह थे। उन्होंने रेजांग-ला पवित्र रज कलश का पूजन किया और यात्रा के आयोजकों को सरकार की ओर से शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि सरकार हर ऐसे पुनीत कार्य में सहयोगी है, जिससे आमजनों में देश प्रेम की भावना का संचार हो।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमारा 5 हजार साल पुराना गौरवशाली अतीत रहा है। उन्होंने कहा कि परमवीर चक्र से सम्मानित श्री योगेंद्र सिंह यादव ने मात्र 19 साल की उम्र में दर्जनों गोलियां लगने के बाद भी टाइगर हिल्स की लड़ाई में पाकिस्तानी घुसपैठियों के छक्के छुड़ाए थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यादव समाज के पराक्रम और शौर्य पर अगर कोई फिल्म बनाई जा रही है, तो राज्य सरकार फिल्म निर्माता को सब्सिडी देकर उसे प्रोत्साहित करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि एवरेस्ट फतह करने वाले पर्वतारोही श्री संतोष यादव और महिला लोको पायलट सुश्री सुलेखा यादव जैसी अनेक हस्तियों ने भी यादव समाज का मान बढ़ाया है। कार्यक्रम में कारगिल युद्ध के नायक परमवीर चक्र विजेता श्री योगेंद्र सिंह यादव ने कहा कि हमारे लिए यह यात्रा गौरव का विषय है। इस कलश यात्रा का उद्देश्य भारतीय समाज को एकजुट करना और युवाओं में शहीदों के शौर्य के प्रति सम्मान की भावना विकसित करना है। यह समाज को ऊपर उठाने की यात्रा है। मुझे गर्व है कि भारत माता की सेवा का अवसर मिला है। उन्होंने कहा कि यादव समाज ने अनेक वीर सैनिक दिए, जिन्होंने मां भारती की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। हम उनकी संतानें हैं, जिन्होंने कभी झुकना नहीं सीखा। यादव कुल राष्ट्र पर मर मिटने के लिए सदैव तत्पर रहता है। उल्लेखनीय है कि रेजांग-ला के युद्ध में भारतीय सेना के 120 सैनिकों ने लगभग 3 हजार चीनी सैनिकों को मार गिराया था। ये सभी 120 सैनिक अहीर (यादव) समाज से थे।

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