बैठक में वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री श्री दिलीप अहिरवार एवं बोर्ड के सदस्य डॉ. नारायण व्यास वर्चुअली शामिल हुए। मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन, मुख्यमंत्री कार्यालय में अपर मुख्य सचिव श्री नीरज मंडलोई, अपर मुख्य सचिव वन श्री अशोक बर्णवाल, प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री वी.एन. अम्बाडे, वन्य प्राणी बोर्ड के सदस्य श्री मोहन नागर, श्री रूपनारायण मांडवे, श्री महेन्द्र सिंह चौहान, डॉ. सुदेश बाघमारे, डॉ. रविचंद्रन सहित अन्य सदस्यगण भी उपस्थित थे।
बैठक में तीन राज्यों उड़ीसा, राजस्थान और छत्तीसगढ़ को तीन जोड़े टाइगर देने पर गहन विचार विमर्श किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जिन राज्यों को टाइगर दिए जा रहे हैं, उनसे उस राज्य में पाए जाने वाले वन्य जीव भी प्राप्त किए जाएं। बैठक में बोर्ड के सदस्य डॉ. आलोक कुमार ने कहा कि प्रदेश में पन्ना एवं बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के परिक्षेत्र में एक और कन्जर्वेशन रिजर्व बनाया जा सकता है। इसी प्रकार कान्हा और बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के परिक्षेत्र में बालाघाट जिले के सोनेवानी फॉरेस्ट रेंज को समाहित करते हुए एक पृथक कन्जर्वेशन रिजर्व बनाने की प्रबल संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि यदि इस विषय पर गंभीरतापूर्वक निर्णय लिया जाता है, तो यह प्रदेश में वाइल्ड लाइफ कन्जर्वेशन की दिशा में एक बहुत बड़ा कदम होगा।
