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FMCG सेक्टर के सबसे ज्यादा वेतन पाने वाले CEO हैं पद्म पुरस्कार विजेता धरम पाल गुलाटी

नई दिल्ली95 वर्षीय धरम पाल गुलाटी संभवतः दुनिया के सबसे उम्रदराज ऐड स्टार हैं और यही उनकी प्रसिद्धी का एकमात्र कारण नहीं है। गुलाटी 2 हजार करोड़ रुपये बाजार मूल्य के महाशियन दि हट्टी (MDH) ग्रुप के मालिक हैं। उन्हें व्यापर-उद्योग जगत में श्रेष्ठ योगदान के लिए पद्म भूषण से नवाजे जाने का ऐलान हुआ 
इस ऐलान के बाद से उनका फोन लगातार बज रहा है और बधाइयों का तांता लगा हुआ है। 'महाशय जी' के नाम से मशहूर गुलाटी फोन की घंटी बार-बार बजने से बिल्कुल परेशानी नहीं महसूस कर रहे, बल्कि उन्हें अपार खुशी मिल रही है। महाशय जी कहते हैं, 'मैं और कोई नशा नहीं करता। 

मुझे प्यार का नशा है।' वह कहते हैं कि बच्चे और बड़े जब उनसे मिलने आते हैं और उनके साथ सेल्फी और तस्वीरें खिंचवाते हैं, तो उन्हें बहुत अच्छा लगता है। 
धरम पाल गुलाटी कक्षा पांचवीं तक पढ़े हैं। आगे की पढ़ाई के लिए वह स्कूल नहीं गए, लेकिन यूरोमॉनिटर के मुताबिक वह एफएमसीजी सेक्टर के सबसे ज्यादा कमाई वाले सीईओ हैं। सूत्रों ने बताया कि पिछले साल उन्हें 25 करोड़ रुपये इन-हैंड सैलरी मिली। 27 मार्च, 1923 को सियालकोट (तब पाकिस्तान) में जन्मे धरम पाल गुलाटी के फर्श से अर्श तक पहुंचने की कहानी बड़ी दिलचस्प है। 1947 में देश विभाजन के बाद वह भारत आ गए। तब उनके पास महज 1,500 रुपये थे। भारत आकर उन्होंने परिवार के भरण-पोषण के लिए तांगा चलाना शुरू किया। फिर जल्द ही उनके परिवार के पास इतनी संपत्ति जमा हो गई कि दिल्ली के करोल बाग स्थित अजमल खां रोड पर मसाले की एक दुकान खोली जा सके। इस दुकान से मसाले का कारोबार धीरे-धीरे इतना फैलता गया कि आज उनकी भारत और दुबई में मसाले की 18 फैक्ट्रियां हैं। इन फैक्ट्रियों में तैयार एमडीएच मसाले दुनियाभर में पहुंचते हैं। एमडीएच के 62 प्रॉडक्ट्स हैं। कंपनी उत्तरी भारत के 80 प्रतिशत बाजार पर कब्जे का दावा करती है। 

धरम पाल गुलाटी ठीक दो महीने में 96 वर्ष के हो जाएंगे। फिर भी वह हर दिन दिल्ली, फरीदाबाद या गुड़गांव की किसी-न-किसी फैक्ट्री का दौरा करते हैं। उनकी छह बेटियां और एक एक बेटा उनके मसाला साम्राज्य के संचालन में मदद करते हैं। गुलाटी का कहना है कि उनकी लंबी आयु का राज कम खाने और नियमित व्यायाम में छिपा है। गुलाटी अपना भुजाएं फड़काते और सफेद दांत दिखाते कहते हैं, 'मैं बुड्ढा नहीं, जवान हूं।' वह सुबह 4 बजे बिस्तर छोड़ देते हैं। फिर थोड़ी देर व्यायाम करने और हल्का नास्ता लेने के बाद टहलने नेहरू पार्क चले जाते हैं। वह शाम में और फिर रात में खाना खाने के बाद भी टहलते हैं। गुलाटी वह मोबाइल फोन पर देश-दुनिया की खबरें लेते रहते हैं और नियमत रूप से वॉट्सऐप देखते रहते हैं। 

महाशय जी को लाइमलाइट में रहना पसंद है। पश्चिमी दिल्ली के कीर्ति औद्योगिक क्षेत्र में उनके एमडीएच हाउस की दीवार का एक-एक इंच उनके मुस्कान भरे चेहरे से पटा पड़ा है। टीवी विज्ञापनों में उनका पदार्पण अचानक ही हुआ जब विज्ञापन में दुल्हन के पिता की भूमिका निभाने वाले ऐक्टर मौके पर नहीं पहुंचे। गुलाटी याद करते हैं, 'जब डायरेक्टर ने कहा कि मैं ही पिता की भूमिका निभा दूं तो मुझे लगा कि इससे कुछ पैसा बच जाएगा तो मैंने हामी भर दी।' उसके बाद मैंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। तब से गुलाटी एमडीएच के टीवी विज्ञापनों में हमेशा दिखते रहे हैं। 
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