एडीजी राजेंद्र मिश्रा के पिता की मौत को लेकर चल रही अटकलों की हकीकत जानने के लिए शनिवार को मेडिकल बोर्ड के छह सदस्यीय डॉक्टरों की टीम 74 बंगले स्थित एडीजी के घर पहुंची। यहां पर एडीजी के परिजनों ने मेडिकल बोर्ड की टीम को घर में घुसने से रोका और वापस लौटा दिया। परिजनों ने डॉक्टर की टीम से कहा कि यह हमारा पारिवारिक मामला है।
इसमें किसी को दखल देने की जरूरत नहीं है। हालांकि जिस वक्त मेडिकल बोर्ड की टीम 74 बंगले स्थित एडीजी मिश्रा के घर पहुंची। उस वक्त वह घर पर नहीं थे। परिजनों की आपत्ति के बाद मेडिकल बोर्ड के सदस्यों की टीम लौट गई। उन्होंने मामले की एक रिपोर्ट गांधी मेडिकल कॉलेज की डीन डॉ. अरुणा कुमार को सौंपी दी है। इसमें उन्होंने परिवार के लोगों द्वारा घर के भीतर एंट्री नहीं देने की बात कही है। साथ ही लिखा है कि चूंकि जब तक मरीज या उसके परिजन जांच की अनुमति नहीं दे देते हैं, तब तक किसी व्यक्ति की जबरन जांच नहीं की जा सकती ।
इधर, मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष नरेंद्र कुमार जैन पुलिस रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। गौरतलब है कि एडीजी राजेंद्र मिश्रा के पिता कुलामणि की मौत को लेकर चल रही अटकलों के बीच मानवाधिकार आयोग के निर्देश पर शुक्रवार को डॉक्टरों की छह सदस्यीय टीम गठित की थी। इसमें जीएमसी के तीन आैर आयुर्वेद कॉलेज के तीन डॉक्टर शामिल थे। एसपी साउथ संपत उपाध्याय को इस टीम के साथ जांच के लिए भेजा था।
इधर एडीजी ने एसपी को पत्र लिखकर कहा- मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है
एडीजी मिश्रा के परिजनों ने एसपी उपाध्याय को एक पत्र सौपा है। इस पत्र में एडीजी ने इस बात का उल्लेख किया है कि उनके मौलिक अधिकारियों का हनन किया जा रहा है। पुलिस और मानवाधिकार आयोग को उनके घर की सर्च करने का अधिकार नहीं है। इस मामले में हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। यह पत्र डीआईजी भोपाल के माध्यम से मानवाधिकार आयोग को भेजा जाएगा।
गाड़ियों के नंबर नोट किए
एडीजी के घर के बाहर खड़े मीडियाकर्मियों के पास पहुंचे पुलिस के जवानों ने गाड़ियों के नंबर नोट किए। साथ ही यहां से चले जाने की चेतावनी दी। पुलिसकर्मियों ने कहा कि यहां पर ज्यादा देर रुके तो ठीक नहीं होगा।