नई दिल्ली।
ईडी ने करोड़ों रुपये के एक और बैंक घोटाले पर कार्रवाई की गाज गिरी है। यह घोटाला बंगाल से जुडा है। इस बैंक कर्ज घोटाले में सख्त कारर्वाई करते हुए कोलकाता के एक व्यापारिक समूह की 483 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच कर ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने के अनुसार फिलहाल कोलकाता के तायल ग्रुप आॅफ कंपनीज की मुंबई स्थित केएसएल एंड इंडस्ट्रीज की अस्थायी तौर पर समूह की कुछ अचल संपत्ति अटैच की गई है।
ईडी ने बताया कि मनी लांड्रिंग निरोधक अधिनियम (पीएमएलए) के तहत अटैच की गई संपत्तियों में नागपुर के एक शॉपिंग मॉल में केएसएल एंड इंडस्ट्रीज के मालिकाना हक वाली 2,70,374 वर्ग फुट जगह भी शामिल है। ईडी के मुताबिक, तायल समूह और केएसएल समेत उसकी चार कंपनियों ने 2008 में बैंक आॅफ इंडिया और आंध्र बैंक से करीब 524 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था।
आरोप है कि तायल समूह के प्रमोटर प्रवीण कुमार तायल ने इस पैसे को शैल (मुखौटा) कंपनियों के जरिए इधर-उधर घुमाकर बाद में हड़प लिया और बैंकों का कर्ज नहीं लौटाया। ईडी ने सीबीआई की तरफ से इस मामले में दर्ज तीन एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की थी। ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, बैंक अधिकारियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है।
दूसरी बार हुई है तायल समूह के खिलाफ कारर्वाई
तायल समूह के खिलाफ यह पीएमएलए के तहत दूसरी कारर्वाई है। इससे पहले भी समूह के खिलाफ यूको बैंक से कर्ज लेकर हड़पने के एक मामले की जांच चल रही है। इस मामले में भी ईडी ने 2016 में समूह की करीब 234 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच कर ली थी। इस मामले में ईडी ने कोलकाता की विशेष पीएमएलए अदालत में चाजर्शीट भी दाखिल कर चुकी है।
ईडी ने करोड़ों रुपये के एक और बैंक घोटाले पर कार्रवाई की गाज गिरी है। यह घोटाला बंगाल से जुडा है। इस बैंक कर्ज घोटाले में सख्त कारर्वाई करते हुए कोलकाता के एक व्यापारिक समूह की 483 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच कर ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने के अनुसार फिलहाल कोलकाता के तायल ग्रुप आॅफ कंपनीज की मुंबई स्थित केएसएल एंड इंडस्ट्रीज की अस्थायी तौर पर समूह की कुछ अचल संपत्ति अटैच की गई है।
ईडी ने बताया कि मनी लांड्रिंग निरोधक अधिनियम (पीएमएलए) के तहत अटैच की गई संपत्तियों में नागपुर के एक शॉपिंग मॉल में केएसएल एंड इंडस्ट्रीज के मालिकाना हक वाली 2,70,374 वर्ग फुट जगह भी शामिल है। ईडी के मुताबिक, तायल समूह और केएसएल समेत उसकी चार कंपनियों ने 2008 में बैंक आॅफ इंडिया और आंध्र बैंक से करीब 524 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था।
आरोप है कि तायल समूह के प्रमोटर प्रवीण कुमार तायल ने इस पैसे को शैल (मुखौटा) कंपनियों के जरिए इधर-उधर घुमाकर बाद में हड़प लिया और बैंकों का कर्ज नहीं लौटाया। ईडी ने सीबीआई की तरफ से इस मामले में दर्ज तीन एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की थी। ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, बैंक अधिकारियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है।
दूसरी बार हुई है तायल समूह के खिलाफ कारर्वाई
तायल समूह के खिलाफ यह पीएमएलए के तहत दूसरी कारर्वाई है। इससे पहले भी समूह के खिलाफ यूको बैंक से कर्ज लेकर हड़पने के एक मामले की जांच चल रही है। इस मामले में भी ईडी ने 2016 में समूह की करीब 234 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच कर ली थी। इस मामले में ईडी ने कोलकाता की विशेष पीएमएलए अदालत में चाजर्शीट भी दाखिल कर चुकी है।