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सपाक्स पार्टी को नहीं रहा सपाक्स समाज का समर्थन

 भोपाल.

सपाक्स पार्टी के प्रदेश सचिव भानू तोमर और सह सचिव प्रसंग परिहार ने अपने अपने पदों से इस्तीफा देते हुए सपाक्स के राष्ट्रीय अध्यक्ष हीरालाल त्रिवेदी पर आरोप लगाया है कि त्रिवेदी ने अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए सपाक्स आंदोलन को कमजोर किया। सिर्फ चाटुकारिता को बढ़ावा दिया और सपाक्स समाज और सपाक्स संस्था के खिलाफ मनमाने फैसले लिए।                                                                                                                                                                                                                            
सपाक्स पार्टी के अध्यक्ष हीरालाल त्रिवेदी ने कमजोर किया सपाक्स आंदोलन                                   
सपाक्स पार्टी के सचिव भानु तोमर और सह सचिव प्रसंग परिहार का इस्तीफा                                                                                                                     सपाक्स पदाधिकारियों ने मंगलवार को चुनाव परिणाम से पूर्व इस्तीफा देने की बात पर बताया कि विधानसभा चुनाव के समय से ही पार्टी का शीर्ष नेतृत्व मूल आंदोलनकारियों को दरकिनार कर चाटुकारों को महत्व देती रही है।  पार्टी का गठन आंदोलन मजबूत करने के लिए किया गया था परंतु पार्टी शीर्ष नेतृत्व ने सिर्फ आंदोलन खत्म करने का काम किया ।
साथ ही बताया कि सपाक्स नाम से पार्टी होने की वजह से एवं सपाक्स के नाम पर चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी हतोत्साहित ना हो इसलिए हमने कभी विरोध नहीं किया परंतु अब पानी सर से ऊपर जा चुका है। सपाक्स पार्टी या व्यक्ति विशेष की राजनीतिक महत्वाकांक्षा के लिए सपाक्स समाज के आंदोलन से समझौता नहीं किया जा सकता है।                                                                                                                                      
सपाक्स प्रदेश सचिव भानू तोमर
साथ ही बताया कि विधानसभा परिणाम की जिम्मेदारी सिर्फ और सिर्फ पार्टी शीर्ष नेतृत्व बनती है, क्योंकि विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी ने हमेशा सपाक्स की मूल जनक सपाक्स अधिकारी कमर्चारी संस्था  एवं सपाक्स समाज को  दरकिनार कर  हमेशा तानाशाही पूर्ण रवैया अपनाते हुए  अपनी मर्जी चलाई  और अंत में अपनी गलती ना मानते हुए हार का ठीकरा सापक्स संस्था एवं समाज पर फोड़ दिया।                                                                                                                                                                                                                                      मंथन एवं समन्वय के बाद भी लोकसभा चुनाव के समय भी वही गलतियां बार-बार दोहराई गई,  बार बार की गई गलतियां सोची समझी साजिश कहलाती है । जो सपाक्स पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हीरालाल त्रिवेदी ने सपाक्स के आन्दोलन को  कमजोर कर साबित कर दिया है। सपाक्स पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हीरालाल त्रिवेदी की गतिविधियां संदिग्ध रही है। ऐसा प्रतीत होता रहा है कि वह किसी अन्य संगठन या राजनीतिक दल के हाथ की कठपुतली बन गए हैं।                                                                                                                              
सपाक्स अध्यक्ष पर आरोप लगाए गए
1. खुद चुनाव ना लड़ना
2. पारदशिर्ता का ना होना
3. पार्टी शीर्ष नेतृत्व की कथनी एवं करनी में जमीन आसमान का अंतर होना
4.जिलेबार आंदोलनकारियों को हतोत्साहित कर सपाक्स समाज को खत्म करने का षड्यंत्र करना
5. सपाक्स की मूल जनक सपाक्स अधिकारी कमर्चारी संस्था से किसी भी प्रकार का समन्वय ना करना

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