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6 साल अखाड़े में, 4 साल गद्दे पर लड़ जीती 400 कुश्तियां, 15 की उम्र में विदेशी पहलवानाें काे हराया

खंडवा। 6 साल अखाड़े और 4 साल तक रुई के गद्दे पर करीब 400 पुरुष पहलवानाें काे धूल चटाने वाली माधुरी पटेल ने विदेश में हुई विश्व चैंपियनशिप में देसी दांव आजमाए। 4 मिनट की कुश्ती में माधुरी के लुकान दांव काे उजबेकिस्तान व अजरबेजान की पहलवान समझ ही नहीं पाई और दाेनाें कुश्तियां माधुरी ने जीत ली। माधुरी भले ही विश्व चैंपियनशिप में मैडल से चूक गई, लेकिन उसके घर व पूरे गांव में जश्न का माहाैल है। घर के बाहर माता-पिता काे बधाई देने वालाें की भीड़ लगी है।
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खंडवा शहर से पांच किमी की दूरी पर बसे ग्राम बाेरगांव खुर्द निवासी माधुरी पिता जगदीश पटेल (15) ने विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में लगातार दाे मैच में विदेशी पहलवानाें काे हराया। तड़के 4 बजे से सुबह 8 व शाम 4 बजे से रात 8 बजे तक अखाड़े में पसीना बहाने के बाद दाेपहर में स्कूल व रात में पढ़ाई करते हुए उसने यह मुकाम पाया।
पिता हैं किसान
पेशे से किसान पिता जगदीश पटेल ने बताया जिस वक्त माधुरी ने कुश्ती लड़ रही थीं, तब वह और पत्नी अनीता खेत में काम कर रहे थे। जीतने की खबर काेच रघु पांजरे, मंशाराम पटेल से मिली। उन्हाेंने बताया पांच साल की उम्र से माधुरी ने गांव के अखाड़े में कुश्ती लड़ना शुरू किया। लड़कियां नहीं थी ताे वह लड़काें के साथ ही कुश्तियां लड़ती और उन्हें धूल चटाती। उसकी प्रतिभा देखकर मैंने व गांव के ही प्रशिक्षक रघु पांजरे ने उसे प्रशिक्षण देना शुरू किया।
12 गांव के बच्चे आते हैं सीखने
जगदीश पटेल ने बताया गांव के अखाड़े में कुश्ती का प्रशिक्षण लेने आसपास के 12 गांवाें के बच्चे राेज आते हैं। इंदाैर के कुछ बच्चे भी उनसे ट्रेनिंग ले रहे हैं। गांव में माधुरी ही अकेली पहलवान नहीं हैं, यहां 20 लड़कियां और करीब 40 पुरुष पहलवान हैं।
यह है माधुरी की खुराक
प्रशिक्षक पिता जगदीश व रघु पांजरे ने बताया माधुरी ने चैंपियनशिप के लिए डाइट चार्ट प्लान किया। सुबह व शाम प्रैक्टिस के 15 मिनट बाद बादाम, काली मिर्च, हरी साैंफ, मगज बीज काे पीसकर उसका जूस पीया। सुबह के खाने में बिना मिर्च की मिक्स दाल, 200 ग्राम घी, दाेपहर में एक लीटर दूध, शाम काे मिक्स सब्जी राेटी, रात काे साेते समय 1 लीटर दूध।
चैंपियनशिप में माधुरी का ऐसे हुआ चयन
माधुरी ने 2015 में हरियाणा, साेनीपत में नेशनल स्कूल गेम्स में कांस्य, 2018 में यूपी के मेरठ में अंडर-15 स्पर्धा में कांस्य, अंडर-15 काेटा राजस्थान में सिल्वर व ओडिशा जगन्नाथपुरी अंडर-17 सब जूनियर कैडेट स्पर्धा में सिल्वर मेडल जीते। यहां क्वालिफाई करने के बाद विजेता खिलाड़ियाें के बीच ट्रायल हुए, जिसमें उसका चयन वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए हुआ। तात्या टाेपे अकादमी भाेपाल में तैयारी के बाद उसे 43 किग्रा वर्ग समूह में बुल्गारिया (यूराेप) में हाेने वाली विश्व कुश्ती स्पर्धा के लिए चुना गया।

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