नई दिल्ली। असम एनआरसी की अंतिम सूची शनिवार से ऑनलाइन जारी कर दी गई। न्यूज रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसकी सप्लीमेंट्री लिस्ट 31 अगस्त को ही उपलब्ध करवा दी गई थी। एनआरसी कॉर्डिनेटर प्रतीक हजेला ने बताया था, ‘‘14 सितंबर 2019 से यह सूची ऑनलाइन देखने के लिए उपलब्ध होगी। जो लोग इसमें शामिल नहीं हैं, उन्हें अस्वीकृत आदेश जल्द ही मिल जाएगा।’’
इससे पहले 31 अगस्त को जारी हुई एनआरसी की सूची से 19 लाख लोगों को बाहर किया गया था। उनके लिए प्रदेश में सुधार-गृह (डिटेंशन सेंटर) का निर्माणकार्य भी शुरू हुआ। हालांकि, प्रशासन ने सोमवार को ही स्पष्ट किया था कि सुधार-गृह का एनआरसी से कोई लेना-देना नहीं है।
राज्य सरकार ने नवी मुंबई में प्लॉट की मांग की थी
इस बीच, महाराष्ट्र गृह मंत्रालय की ओर से भी कहा गया था कि नवी मुंबई के पास एक जमीन देखी है, जहां सुधार-गृह का निर्माण करवाया जाएगा। यहां गैरकानूनी ढंग से रह रहे लोग रह सकेंगे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, राज्य सरकार ने नवी मुंबई में सिटी एंड इंडस्ट्रीयल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन को पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने नेरुल में 450 स्क्वेयर मीटर के एक प्लॉट की मांग की थी। फिलहाल वहां अवसादग्रस्त महिलाओं के लिए एक शरणस्थल बनाया गया है।
सुधार-गृह का होना एक सामान्य प्रक्रिया: आईजी सिंह
एक चैनल से बातचीत के दौरान स्पेशल आईजी ब्रजेश सिंह ने कहा, ‘‘सुधार-गृह के निर्माण का एनआरसी से कोई लेना-देना नहीं है। यह पासपोर्ट एक्ट के सेक्शन 4 के अंतर्गत होने वाली नियमित प्रक्रिया है। हर देश को विदेशी नागरिकों का स्टेटस देखने के लिए निश्चित स्थितियों में रखना होता है। कारण कि उस समय वे न दोषी होते हैं और न उन्हें सजा मिली होती है। ऐसे में उन्हें ऐसे ही रखना होता है।’’
अगले तीन महीनों में 200 नए विदेशी ट्रिब्यूनल स्थापित होंगे
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जिन लोगों को एनआरसी लिस्ट में जगह नहीं मिली है, वे भी विदेशी ट्रिब्यूनल कोर्ट में अपील कर सकते हैं। राज्य सरकार ने 200 अतिरिक्त विदेशी ट्रिब्यूनल स्थापित करने के प्रयास शुरू किए हैं। वहां एनआरसी से संबंधित अपीलों की सुनवाई हो सकेगी। अगले तीन महीनों में और 200 विदेशी ट्रिब्यूनल स्थापित किए जाने के प्रयास होंगे।