नई दिल्ली/न्यूयॉर्क। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को भारत-पाक संबंधों पर बात की। भारतीय विदेश मंत्री ने कहा कि हम ऐसे चुनौतीपूर्ण पड़ोसी से बातचीत नहीं कर सकते, जो आतंकवाद को अपने देश के कानूनी हथियार के तौर इसलिए इस्तेमाल करता हो कि दिल्ली पर सौदेबाजी का दबाव बनाया जा सके। भारत-पाक क्रिकेट पर पूछे गए एक सवाल पर जयशंकर ने कहा कि आप रात में आतंकवाद करें और दिन में हम सब सही मानें, यह संभव नहीं। आप फिदायीन हमले करें और फिर कहें अब टी-ब्रेक है और क्रिकेट खेलते हैं। जनता को यह समझाना बेहद मुश्किल होगा।
जयशंकर न्यूयॉर्क में विदेशी रिश्तों पर एक विचार मंच में अपने विचार रखे। जब उनसे सवाल पूछा गया कि भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट क्यों नहीं खेली जा रही है? जयशंकर ने जवाब दिया- वास्तविक जीवन में मुद्दों को अलग करना बेहद मुश्किल है।
"आप फिदायीन हमले करें और फिर क्रिकेट खेलें, यह जनता को समझा पाना मुश्किल"
भारतीय विदेश मंत्री ने उरी, पठानकोट और पुलवामा हमलों का जिक्र करते हुए कहा- अगर किसी रिश्ते के मायने यह हैं कि आप आतंकवाद फैलाएं, फिदायीन हमले करें और हिंसा फैलाएं और आप इसके बाद कहते हैं कि चलिए अब टी-ब्रेक है। अब हम क्रिकेट खेलते हैं। रिश्ते के ऐसे मायने जनता को समझा पाना बेहद मुश्किल हैं। यह लोकतंत्र है, यहां लोगों की भावनाएं मायने रखती हैं। और, मैं ऐसा संदेश नहीं देना चाहता हूं कि आप रात में आतंकवाद फैलाएं और दिन के वक्त सब सही हो जाए। वास्तव में भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट को मंजूरी दी जाती है तो मैं दुर्भाग्य से यही संदेश दूंगा।
जयशंकर ने कहा- पाकिस्तान और भारत का इतिहास सामान्य नहीं रहा है। पड़ोसी होने के बावजूद पाकिस्तान भारत के साथ व्यापार नहीं करता है। वह डब्ल्यूटीओ का सदस्य है, लेकिन एमएनएफ का दर्जा नहीं देता है, जबकि कानूनी तौर पर वह ऐसा करने के लिए बाध्य है और दिल्ली ने ऐसा किया है। आपके पास ऐसा पड़ोसी है जो आपको कनेक्टिविटी नहीं करने देता है। हम ईरान और अफगानिस्तान जाने के लिए पाकिस्तान का इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन वह हमें ऐसा नहीं करने देता है। इस तरह के व्यवहार ने क्षेत्रीयता को कमजोर किया है और ऐसा केवल इस सोच के लिए वे (ईरान और अफगानिस्तान) भारत से आर्थिक तौर पर ज्यादा जुड़ जाएंगे।
"आप यह सारी चीजें भी संभाल सकते हैं अगर पाकिस्तान केवल एक चीज न करे और यह चीज पूरी दुनिया में इस वक्त अस्वीकार्य है। आतंकवाद फैलाना। आतंकवाद पाकिस्तान की नजर में देश का एक कानूनी हथियार है, जिसके दम पर वे आपको समझौते की मेज पर लाने के लिए मजबूर करना चाहते हैं। आज ऐसा अंतरराष्ट्रीय संबंधों के नियमों के हिसाब से भी स्वीकार्य नहीं है। आज दुनिया के कई हिस्सों में आतंकवाद है, लेकिन दुनिया का ऐसा कोई हिस्सा नहीं है, जहां कोई देश जानबूझकर, पूरे होशहवास में अपने पड़ोसी के खिलाफ इसका इस्तेमाल कर रहा हो।"
