मुंबई। हिंदी फिल्मोद्योग को लेकर अभी तक आम धारणा यही रही थी कि हिंदी के दम पर चलने वाली इस इंडस्ट्री में हिंदी उपेक्षित है ओर अंग्रेजी का बोलबाला है। यह धारणा अब गुजरे जमाने की बात हो चुकी है और आज की तारीख में इस उद्योग में हिंदी भाषा का परचम लहरा रहा है। हिंदीभाषी मेकर्स, एक्टर्स और तकनीशियनों की तादाद बढ़ी है।
अंग्रेजी मेकर्स और यहां तक कि नेटफ्लिक्स और एमेजॉन जैसी कंपनियां अपने वेब शोज के लिए हिंदी बेल्ट की कहानियों पर जोर दे रहे हैं। स्टार किड्स बाहर जाकर फिल्म मेकिंग की बारीकियां सीख रहे हैं, मगर यहां आकर वे हिंदी जुबान पर पकड़ बना रहे हैं। विदेशों से यहां आए कलाकार भी बॉलीवुड में हिंदी का बोलबाला देखकर हिंदी सीख रहे हैं। फिल्मों से जुड़े लोगों ने भी भास्कर से चर्चा में इसी तथ्य की पुष्टि की।
हिंदी को लेकर बॉलीवुड सेलेब्स ने क्या कहा
स्वरा भास्कर। मुझे याद है, जब पहली बार एक नाटक किया था, जिसमें गांव की लड़की का किरदार निभाया था। तब मैंने अपने पैरेंट्स से पूछा कि मेरी एक्टिंग कैसी लगी? उन्होंने कहा- अच्छी है, पर हिंदी को अंग्रेजी की तरह क्यों बोलती हो! मुझे इतनी ठेस पहुंची कि उसी दिन हिंदी साहित्य की ढेर सारी किताबें खरीदी और हिंदी का अभ्यास करने लगी। अब मुझे किसी भी भाषा में स्क्रिप्ट मिल जाए, कोई प्रॉब्लम नहीं है। रोमन और अंग्रेजी स्क्रिप्ट के नीचे देवनागरी में स्क्रिप्ट अपने हाथ से लिख लेती हूं, क्योंकि याद करने के लिए लिखना पड़ता है।
हिंदी बेल्ट से रायटिंग, डायरेक्शन में लोग आए: पंकज त्रिपाठी, अभिनेता
अब भाषाई अंतर बहुत बड़ा मसला नहीं है। कुछ साल पहले तक फिल्म निर्माण में अंग्रेजी बैकग्राउंड वाले लोगों की तादाद ज्यादा थी। पर अब ऐसा नहीं है। हिंदी बेल्ट से रायटिंग, डायरेक्शन में लोग आए हैं। उनके सेट पर माहौल गैर अंग्रेजी होता है। मिसाल के तौर पर अनुराग बासु के सेट पर बंगाली ज्यादा रहते हैं। अनुराग कश्यप के सेट पर हिंदी वाले बहुत होते हैं। बाकी जितने भी लोग हिंदी बेल्ट से आए हैं, वे सभी डायलॉग तो हिंदी में ही लिखाते हैं।
पंकज त्रिपाठी।
मुझे तो स्क्रिप्ट और नरेशन हिंदी में ही मिलती है। बाकी यह अब महज धारणा भर है कि बॉलीवुड में अंग्रेजी बोलने वालों से हम जल्द प्रभावित हो जाते हैं। जबकि ऐसा नहीं है। यह बस भाषाई कॉम्प्लेक्स है।