नई दिल्ली। अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ नेताओं ने प्रमुख मुस्लिम संगठनों से मुलाकात की। नई दिल्ली में मुस्लिम धर्मगुरुओं और बुद्धिजीवियों के साथ मंगलवार को बैठक हुई। भाजपा और आरएसएस के नेताओं ने कहा- फैसला जो भी हो, लेकिन इसको लेकर 'जुनूनी जश्न' और 'हार का हंगामा' जैसी अतिवादी प्रतिक्रिया नहीं होनी चाहिए। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट 17 नवंबर को मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई के रिटायर होने से पहले फैसला सुनाएगा।
अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के निवास पर हुई इस बैठक में आरएसएस नेता कृष्ण गोपाल और रामलाल के साथ, पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन, जमीयत-ए-उलेमा-ए-हिंद के महासचिव महमूद मदनी, शिया धर्मगुरु कल्बे जव्वाद और फिल्म निर्माता मुजफ्फर अली शामिल हुए।
बैठक के बाद नकवी ने कहा- आज एक ऐतिहासिक बैठक हुई, जिसमें मुस्लिम धर्मगुरु और बुद्धिजीवी शामिल हुए। इस बात पर जोर दिया गया कि हर हाल में देश में अखंडता और भाईचारा मजबूत बनाए रखा जाए। कहीं पर भी जीत का जुनूनी जश्न और हार का हाहाकारी हंगामा नहीं होना चाहिए, उससे बचना चाहिए।
शाहनवाज हुसैन ने कहा- बैठक में फैसला हुआ कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला सभी को मान्य होगा। यह फैसला देश को मजबूत करेगा। आज की बैठक से एकता का संदेश निकला है। आरएसएस नेताओं और मुस्लिम समुदाय के बीच आज शुरु हुआ संवाद भविष्य में भी जारी रहेगा।
