Type Here to Get Search Results !

पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई बोले- शपथ लेने के बाद विस्तार से बताऊंगा कि मैंने राज्यसभा का प्रस्ताव क्यों स्वीकारा


नई दिल्ली। पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को सोमवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राज्यसभा के लिए नामित किया। मंगलवार को जस्टिस गोगोई ने इस मामले पर मीडिया से बात की। उन्होंने कहा, ‘‘संभवतः कल मैं दिल्ली जाऊंगा। पहले मुझे शपथ ले लेने दीजिए। इसके बाद मैं मीडिया से विस्तार में बात करूंगा कि आखिर क्यों मैंने राज्यसभा जाने का प्रस्ताव स्वीकार किया है।’’

जस्टिस गोगोई ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति द्वारा मुझे राज्यसभा भेजने के इस फैसले को मैं स्वीकार करता हूं। यह एक अवसर है, जहां से मैं चौथे स्तंभ का पक्ष और उनकी बातों को संसद में रख सकता हूं। वहीं संसद की बात को भी न्यायपालिका के सामने रखने का भी मौका है। बशर्ते वह सुनने के लिए तैयार हों।’’ हालांकि, जब उनसे पूछा गया कि क्या वह भाजपा ज्वाइन करेंगे? इस पर उन्होंने कहा,‘‘इसका कोई सवाल ही नहीं उठता।’’
न्यायपालिका और विधायिका दो महत्वपूर्ण अंग- जस्टिस गोगोई
जस्टिस गोगाई से पूछा गया कि संवैधानिक अदालतों के न्यायाधीश के रूप में लगभग दो दशकों के कार्यकाल के बाद आप बतौर राज्यसभा सांसद अपनी भूमिका किस तरह से देखते हैं? इस पर उन्होंने कहा, ‘‘न्यायपालिका और विधायिका दो महत्वपूर्ण अंग हैं। मुझे दोनों के साथ काम करने का अवसर मिला है, जहां से राष्ट्र को आगे ले जा सकूं।’’

जस्टिस गोगोई 13 महीने चीफ जस्टिस रहे। 17 नवंबर 2019 को वे रिटायर हुए। उनके द्वारा सुनाए गए अहम फैसलों में अयोध्या और राफेल विवाद हैं। इससे पहले जस्टिस रंगनाथ मिश्रा भी कांग्रेस से जुड़कर संसद तक पहुंचे थे, जबकि पूर्व सीजेआई पी.सतशिवम को मोदी सरकार ने केरल का राज्यपाल बनाया था।
रिटायर होने से पहले जस्टिस गोगोई ने 10 दिन में दिए थे 5 फैसले
पहला फैसला: अयोध्या रामजन्मभूमि विवाद मामले में जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने विवादित भूमि पर राम मंदिर बनाने का फैसला दिया। मुस्लिमों को मस्जिद बनाने के लिए पांच एकड़ जमीन दूसरी जगह दिए जाने का भी आदेश दिया। 

दूसरा मामला: राफेल विमान सौदे में लगे घोटाले के आरोपों को लेकर जस्टिस गोगोई ने मोदी सरकार को बड़ी राहत दी। सीजेआई की अगुआई वाली बेंच ने राफेल मामले में दायर हुईं सभी पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज कर दिया था।

तीसरा फैसला: सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को ‘चौकीदार चोर है’ वाले बयान पर माफी मांगने को कहा था। इस मामले में भाजपा प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने याचिका दाखिल की थी। 

चौथा फैसला: सबरीमाला मंदिर महिलाओं के प्रवेश को लेकर था। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में 2018 के फैसले को बरकरार रखा था और मामला सात सदस्यीय संविधान पीठ को भेज दिया था।
पांचवा मामला: वित्त कानून-2017 के संशोधन को लेकर था। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ ने कानून में संशोधनों को लेकर रोक लगा दी थी और मामला सात सदस्यीय पीठ को भेज दिया था।
Tags

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.