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कलेक्टर का स्पष्ट ऐलान रजिस्ट्री शून्य करवाए नहीं तो दर्ज होंगे धोखाधड़ी के मुकदमे, 5 सौ करोड़ से ज्यादा मूल्य की जमीन सिरेंडर की पेशकश



इंदौर। कुख्यात भूमाफिया सुरेंद्र संघवी और दीपक जैन उर्फ मद्दा पर प्रशासनिक शिकंजा कसने के बाद शहर में जमीनों की लूट करने वालों की जान सांसत में है। संघवी और मद्दा के साथ सहकारी गृह निर्माण संस्थाओं की जमीनों को नाम करवाने वाले अब सिरेंडर की पेशकश कर रहे है। प्रशासन के रूख को देख कर जमीन खरीदने वालों में खासी घबराहट व्याप्त है। कलेक्टर के समक्ष ऐसे एक दर्जन आवेदन आ चुके है जिसमे जमीन छोड़ने और भविष्य में कोई क्लेम नहीं करने की बात कही गई है। जो आवेदन दिए गए है उन जमीनों की कीमत करीब 5 सौ करोड़ रुपये है। गौरतलब है कि पिछले दिनों देवी अहिल्या संस्था की अयोध्यापुरी और मजदूर पंचायत गृह निर्माण संस्था की पुष्पविहार कॉलोनी की जमीन पर कब्जा करने और सदस्यों के प्लॉट दबा कर जमीन निजी नामों पर चढ़ाने के मामले में संघवी, मद्दा, धवन बंधु सहित 17 भूमाफियाओं पर प्रकरण दर्ज किए गए थे। बहरहाल कलेक्टर मनीष सिंह ने स्पष्ट ऐलान कर दिया है कि पेशकश से कुछ नहीं होगा, कोर्ट में आवेदन देकर रजिस्ट्री शून्य करवाना होगी। अगर ऐसा नहीं किया तो जमीन खरीदने वालों पर प्रकरण दर्ज किए जाएंगे।

धोखाधड़ी के प्रकरण होंगे दर्ज-

कलेक्टर मनीष सिंह के समक्ष जमीन सिरेंडर करने का सबसे पहला आवेदन केएस सिटी के आशीष गुप्ता की और से दिया गया था। अयोध्यापुरी में गुप्ता ने 1.47 एकड़ जमीन खरीदी थी। गुप्ता के बाद करीब एक दर्जन आवेदन प्रशासन के पास आ चुके है। 5 सौ करोड़ मूल्य की जमीन कार्रवाई के खोफ में छोड़ी जा रही है। बहरहाल कलेक्टर सिंह ने स्पष्ट कर दिया है कि आवेदन देकर कोई बच नहीं सकता। जमीन सिरेंडर करना है तो विधिवत कोर्ट में आवेदन देकर रजिस्ट्री शून्य करवाना होगी। अगर ऐसा नहीं किया तो खरीददारों पर धोखाधड़ी और साजिश में शामिल होने की धाराओं में प्रकरण दर्ज कर गिरफ्तारी की जाएंगी।

फरार भूमाफियाओं की संपत्ति कुर्की की तैयारी-

तीन हजार करोड़ से ज्यादा की जमीन पर खुलेआम कब्जा करने का दुस्साहस करने के पीछे सुरेंद्र संघवी का रसूख था। 2009 से अब तक चार बार भूमाफियाओं के खिलाफ अभियान चले मगर संघवी और मद्दा दोनों बच गए। पहली बार जमीनों की लूट करने वाले मास्टर माईंड कार्रवाई के घेरे में आए है। सुरेंद्र संघवी, उसका पुत्र प्रतिक संघवी और दीपक मद्दा फिलहाल पुलिस की गिरफ्त से बाहर है मगर प्रशासन ने इन शातिर भूमाफियाओं की कुंडली तैयार कर ली है। इन लोगों की तलाश में पुलिस की अलग अलग टीम छापामार कार्रवाई भी कर रही है। लाखों रुपए डायवर्शन टैक्स के बकाया होने के चलते संघवी के दो कॉलेज और दफ्तर को सील किया जा चुका है। उधर दीपक मद्दा के अवैध कब्जे और निर्माण भी ढहाए जा चुके है। प्रशासन अगले कदम के रूप में संपत्ति कुर्की की कार्रवाई करने की तैयारी में है। निगम प्रशासन ने इन लोगों के नाम की समस्त संपत्तियों की जानकारी भी जुटा ली है।

इन लोगों के नाम हुई देवी अहिल्या संस्था की जमीन

बेस्टेक इंडिया प्रा.लि. गुड़गांव 1.89 एकड़

केएस सिटी प्रा.लि. इंदौर 1.47 एकड़

सिम्पलेक्स इन्वेस्टमेंट एंड मेगा फायनेंस 4.00 एकड़

शैला पति अशोक व 8 अन्य 1.00 एकड

क्यूशारहॉक टेक्नोलॉजी प्रा.लि. 2.89 एकड़

अप्सरा गृह निर्माण संस्था 2.150 एकड़

परी गृह निर्माण संस्था 14.19 एकड़

कुल जमीन - 

27.59 एकड़

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