मुंबई। बुधवार 2 जून को सुशांत सिंह की लाइफ स्टोरी से इंस्पायर्ड फिल्म न्याय:द जस्टिस को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। जहां कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। हालांकि उन्होंने मेकर्स से फिल्म रिलीज न करने कहा है। इसके पहले मेकर्स ने अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि यह फिल्म किसी भी रूप में सुशांत के किरदार और नाम का उपयोग नहीं करती है, इसलिए यह उनकी बायोपिक नहीं है। गौरतलब है कि सुशांत के पिता केके सिंह ने अपनी याचिका में कहा था कि कुछ फिल्म प्रोजेक्ट जैसे न्याय: द जस्टिस, सुसाइड ऑर मर्डर-ए स्टार वाज लॉस्ट, शशांक और एक क्राउड फंडेड अनाम फिल्म उनके बेटे का नाम और मौत का उपयोग कर लाभ कमाना चाहते हैं।
जस्टिस संजीव नरुला की बेंच ने फिल्म मेकर्स और सुशांत सिंह राजपूत के पिता की याचिका पर सुनवाई की। जहां उन्होंने आदेश दिया कि फैसला आने तक फिल्म को रिलीज न किया जाए। गौरतलब है कि मेकर्स ने इसे 11 जून को रिलीज करने की घोषणा की थी, लेकिन अगर फैसला 11 तक नहीं आता है तो मेकर्स को रिलीज रोकनी होगी। कोर्ट ने अपना फैसला 2 जून की सुनवाई में सुरक्षित रख लिया है। हालांकि मेकर्स के वकील चंदर लाल ने कहा -फिल्म रिलीज को व्यापक रूप से प्रचारित किया गया है और इसलिए हम इसे वापस लेने के संबंध में कोई आश्वासन नहीं दे पाएंगे।
लाल की दलीलों के मद्देनजर अदालत ने कहा कि अगर कोर्ट 11 जून से पहले फैसला नहीं सुना पाती है तो वह उस तारीख से पहले मामले को फिर से उठाएगी और फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने के लिए अंतरिम आदेश पारित करेगी।