अवैध वसूलीकर्ताओं को नहीं है किसी का डर, फर्जी मुकदमे में फंसाने की दी जाती है धमकी
सिंगरौली। सिंगरौली जिले में बने आरटीओ चेकपोस्टों पर अवैध वसूली लगातार जारी है। शिकायतों का इनके ऊपर कोई फर्क नहीं पड़ता। अगर कोई आवाज उठाता है तो उसे फर्जी मुकदमें में तथा शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने के जुर्म में मुकदमा कायम कराने की धमकी दी जाती है। शासकीय कार्य भी ऐसा कि बकायदे वसूली के लिए बनाये गये गुर्गे दिनदहाड़े गाड़ी चालकों से चेकपोस्ट पार करने की एवज में मोटी रकम वसूलते हैं। उक्त रकम का न तो कोई रशीद दी जाती है और ना ही इसका कहीं लिखा पढ़ी होती है। उपचेकपोस्ट जयंत, करौटी, खनहना में कई बार विवाद की स्थिति निर्मित हुयी जिसमें वाहन चालकों द्वारा रशीद की मांग की गयी परन्तु रशीद न देकर उपचेकपोस्टों पर टोकन दिया जाता है।
इंट्री के नाम पर होती है अवैध वसूली
जिले में आरटीओ चेकपोस्ट इसलिए बनाये गये थे कि दूसरे प्रदेशों से या ओवलोड वाहन, चोरी का माल लेकर चलने वाली गाड़ियो तथा अन्य नियमविरूद्ध चलने वाले वाहनों की जांच की जाये परन्तु यहां जांच के नाम पर अवैध वसूली बेखौफ हो रही है। बताया जाता है कि कोई भी वाहन इन चेकपोस्टों से बिना पैसे दिये नहीं पार हो सकता। इंट्री के नाम पर या कोई और बहाना या ऊपरी सिस्टम बताकर वाहन चालकों से अवैध वसूली की जाती है।
जयंत में गर्ग-तिवारी, करौटी में शुक्ला, खनहना में गुर्गे द्वारा करायी जाती है वसूली
मिली जानकारी के अनुसार उपचेकपोस्ट जयंत में एक गर्ग तथ एक तिवारी नाम के दो व्यक्तियों के द्वारा अवैध तरीके से वसूली की जाती है। जबकि करौटी में शुक्ला जी नाम के एक व्यक्ति द्वारा वसूली की जाती है। इसी तरह खनहना चेकपोस्ट पर भी दो हजार से लेकर दस हजार तक की एक वाहन से वसूली की जाती है। उक्त चेकपोस्टों पर नियमानुसार एक दो शासकीय कर्मचारी रहने चाहिए परन्तु इन चेकपोस्टों पर दो दर्जन से अधिक व्यक्ति लगातार बैठे रहते हैं। कुछ भी बात होने पर मारने पीटने पर भी उक्त लोग उतारू हो जाते हैं।
कपड़े पहनने तक की फुर्सत नहीं
लगातार उपचेकपोस्टों पर वसूली में लगे इन तथाकथित अधिकारियों के पास कपड़े पहनने तक की फुर्सत नहीं होती। गमछा या मात्र चड्डी पहनकर आफिस में बैठे रहते हैं तथा वहीं से गुर्गों को नियंत्रित कर बेखौफ अवैध वसूली कराते हैं।
हर माह होता है लाखों का वितरण
उक्त चेकपोस्टों पर हो रही अवैध वसूली का राज जिसने जान लिया उस राजदार को भी बकायदे हर महीने सुविधा शुल्क दिया जाता है जिससे वह राजफाश न करे। बताया जाता है कि महीने की एक नियत तारीख पर सैकड़ो राजदार वहां पहुंचकर अपना हिस्सा प्राप्त करते हैं।
जिले में नहीं दिखते उपचेकपोस्ट प्रभारी
जिले में बनाये गये उपचेकपोस्टों के प्रभारी रवि मिश्रा अधिकांश समय जिले से बाहर रहते हैं। गुर्गों के हवाले जिले के चेकपोस्टों को करके प्रभारी महोदय खुद जिले से बाहर रहते हैं। यदि कोई बात करना भी चाहे तो प्रभारी महोदय कभी बात भी नहीं करते।