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गिनीज बुक में रिकॉर्ड दर्ज कराने के लिए लगाया शिविर, 1121 यूनिट रक्तदान

तलेन टप्पे में आयोजित रक्तदान शिविर में पहुंची थी 6 जिलों के ब्लड बैंक टीमें, 68 गांवों के लोगों ने लिया महायज्ञ में हिस्सा

ब्यावरा। जिले के तलेन कस्बे में रविवार को आयोजित रक्तदान शिविर में एक नया रिकॉर्ड बना यहां आयोजित रक्तदान शिविर में एक ही स्थान पर 68 गांव के लोगों ने 1121 यूनिट रक्तदान कर इतिहास बनाया विश्व हिंदू परिषद एवं अखिल विश्व गायत्री परिवार के तत्वावधान में आयोजित रक्तदान महा यज्ञ में कई लोग शामिल हुए और रक्तदान में एक अनोखा रिकॉर्ड बनाया। यह रिकॉर्ड लोगों ने महज 8 घंटे में ही बना लिया। जानकारी के अनुसार विश्व हिंदू परिषद एवं गायत्री परिवार के द्वारा तलेन में एक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें 1 माह पूर्व हजारों लोगों को रक्तदान कराने के लिए योजना तैयार की योजना के अनुरूप ही यहां लोगों की भीड़ उमड़ी और लोगों ने उत्साह के साथ रक्तदान किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से एसपी प्रदीप शर्मा, सीएमएचओ स्पूतनिक यदु, मध्यपदेश रक्त कोष के डिप्टी डायरेक्टर, सहित गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के सदस्य मौजूद रहे। 

6 जिलों की टीमों में लिया ब्लड- 

 रक्तदान शिविर में रक्तदान करते लोग।

इस रक्तदान शिविर की भव्यता का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि यहां रक्तदान कराने के लिए 6 जिलों की टीमों को तैनात करना पड़ा। जानकारी के अनुसार जिले में इतनी तादाद में रक्तदान कराने के लिए पर्याप्त स्टाफ ब्लड बैंक के पास मौजूद नहीं था। इस कारण ब्लड बैंक इंदौर, उज्जैन, भोपाल, शाजापुर, गुना से भी स्टाफ को बुलाना पड़ा, 6 जिलों की ब्लड बैंक टीमों ने 1121 लोगों का रक्त दान करें यह यह सभी टीमें अपने-अपने साजों सामान, ब्लड डोनेशन बस के साथ तैनात थी। रक्तदान शिविर सुबह 8:00 बजे से शुरू हो गया। देखते ही देखते लोगों का हुजूम एकत्र होने लगा और लोग उत्साह के साथ रक्तदान करने लगे शाम 6:00 बजे तक यहां रक्तदान जारी था। 

गिनीज बुक में दर्ज होगा रिकॉर्ड-

रक्तदान शिविर में मौजूद गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के सदस्य अभिजीत सक्सेना ने बताया कि यह शिविर अपने आप में एक मिसाल था। हमारी जानकारी के अनुसार एक समय में एक टप्पा केंद्र पर इतना बड़ा आयोजन कहीं नहीं हुआ है हम 1121 यूनिट रक्तदान के इस रिकॉर्ड का प्रकाशन करेंगे। गौरतलब है कि किसी भी रिकार्ड को बनाने के पूर्व उसका प्रकाशन किया जाता है और आपत्ति आमंत्रित की जाती है। इसके बाद रिकॉर्ड दर्ज किया जाता है। 

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