Type Here to Get Search Results !

कमला नेहरू अस्पताल में आग में झुलसी उपचाररत बच्ची की मौत, कांग्रेस ने परिजनों के साथ बच्ची का शव सड़क पर रखकर किया चक्काजाम

कमला नेहरू अस्पताल प्रबंधन ने मानवता को किया शर्मसार 

आगजनी में मृत नवजात का 13 दिनों बाद सौंपा शव, किया गुमराह

गैरतगंज के वार्ड 5 में रहता है परिवार, एक माह पूर्व से परिजन करा रहे थे नवजात का इलाज

चक्काजाम के बाद गैरतगंज में कराया गया बच्ची के शव का पोस्टमार्टम 

गैरतगंज। बीती 8 नबंवर को भोपाल के हमीदिया में स्थित कमला नेहरू अस्पताल के बच्चा वार्ड में हुई आगजनी की घटना में लगातार पीड़ितों की संख्या बढ़ती जा रही है। हाल ही में एक ओर मामला अस्पताल प्रबंधन द्वारा मानवता को शर्मसार कर देने वाला सामने आया है। प्रबंधन ने आगजनी की घटना में झुलसी बच्ची को उस समय जिंदा बताकर 13 दिन तक परिवार को गुमराह किया तथा बाद शव सौपकर किनारा कर लिया। परिजनों को पता तब चला जब बच्ची के शव को झुलसा हुआ देखा। रविवार को यह मामला सामने आने के बाद कांग्रेस ने परिजनों के साथ बच्ची का शव सड़क पर रखकर चक्काजाम कर दिया।

जानकारी के मुताबिक गैरतगंज के वार्ड 5 में रहने वाले नवीन विश्वकर्मा पत्नी गायत्री ने जिला चिकित्सालय रायसेन में बीती 16 अक्टूबर 2021 को पुत्री को जन्म दिया था। नवजात  बच्ची के कम वजन के चलते उसे जिला चिकित्सालय से तत्काल भोपाल के कमला नेहरू अस्पताल में रेफर किया गया था।जहां नवजात को आईसीयू में रखकर इलाज किया जा रहा था। 8 नवंबर की रात्रि में कमला नेहरू के जिस वार्ड में भीषण आग लगी उसमें यह नवजात बच्ची भी भर्ती थी। आगजनी में कई बच्चो की जान गई। वहीं धुंए में भी कई बच्चो का दम घुटा। परन्तु घटना के सही कारणों का पता नही चल पाया। नवजात के पिता नवीन विश्वकर्मा बताते है कि उनकी नवजात बच्ची भी आगजनी में बुरी तरह झुलस गई तथा धुंए से उसका दम घुट गया। परन्तु अस्पताल प्रबंधन ने नवजात के स्वस्थ होने की सूचना उन्हें देकर उसके उपचाररत होने का हवाला दिया। नवीन ने बच्ची को देखने  का कहा तो उन्हें मना कर दिया गया। बाद में ज्यादा कहने पर उन्होंने पट्टियों में लिपटी बच्ची को आईसीयू में कांच में रखा हुआ दूर से बता दिया। कुछ दिन के अंतराल में अस्पताल प्रबंधन ने बच्ची की हालत में सुधार न होने का हवाला देकर अस्पताल से ले जाने तथा दूसरी जगह इलाज कराने का दबाव नवीन पर डाला। चूंकि नवीन की पारिवारिक स्थिति ठीक नहीं है अत: उन्होंने इसी के चलते बच्ची को वहीं इलाज हेतु रखा। बाद में 20 नवंबर 2021 को देर शाम बच्ची के मृत होने की सूचना उन्हें दी गई तथा शव उन्हें सौंप दिया गया। शव को देखने पर पता चला बच्ची आगजनी में बुरी तरह झुलस गई थी शरीर के कई अंग बुरी तरह आग में झुलसे हुए दिखाई दे रहे है। नवीन ने बताया कि उन्होंने डॉक्टरों से पोस्टमार्टम के लिए कहा तो उन्होंने पोस्टमार्टम करने से मना कर गुमराह किया तथा पर्चे पर हस्ताक्षर ले लिए। 

पूर्व विधायक के साथ कांग्रेसियों ने किया चक्काजाम 

रविवार को इस मामले की जानकारी मिलते ही जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक देवेंद्र पटेल गैरतगंज पहुंच गए तथा उनके साथ कांग्रेस महामंत्री मदन राजपूत, सुनील श्रीवास्तव, देवेंद्र पटेल कस्बा, एहतेशाम बेग, खेमचंद चौरसिया, मोहन जाटव, राजदीप जैन, समा हसन सहित दर्जनों कांग्रेस कार्यकतार्ओं के साथ भोपाल सागर मुख्य सड़क मार्ग पर बच्ची के परिजनों के साथ शव को लेकर चक्काजाम कर दिया गया। कांग्रेस ने तत्काल बच्ची के शव का पोस्टमार्टम कराने, दोषियों पर कार्रवाई एवं परिजनों को मुआवजा दिए जाने की मांग प्रशासन से की। उन्होंने बीजेपी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।उनका आरोप था कि सरकार इस आगजनी की घटना में मरने वाले बच्चो के आंकड़े छुपाने के काम कर रही है। बीजेपी सरकार को किसी के मरने जीने से कोई मतलब नही है। प्रशासन ने पोस्टमार्टम की मांग मंजूर करते हुए गैरतगंज अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए शव भेज दिया। वहीं कांग्रेस ने एक घंटे से ज्यादा वक्त तक चक्काजाम करने के बाद चक्काजाम समाप्त कर दिया परन्तु परिजनों को राहत दिए जाने की अपनी मांग दोहराई। इधर मृत बच्ची के पिता नवीन विश्वकर्मा ने भी पुलिस एवं प्रशासन को शिकायती ज्ञापन दिया है। 

मानवता को किया शर्मसार

अस्पताल प्रबंधन के मानवता को शर्मसार कर देने वाले इस मामले में आगजनी में झुलसी बच्ची के परिवार को गुमराह कर 13 दिनों तक अस्पताल में रखा गया। बाद में बगैर पोस्टमार्टम किये बच्ची के परिजनों को सौंपकर पल्ला झाड़ लिया गया। पूरे सिस्टम को तमाचा मारने वाली इस घटना में एक नवजात इस दुनिया मे आने से पहले सिस्टम की मार के चलते अलविदा कह गई। वहीं एक परिवार से उसकी बच्ची को छीन लिया गया। नवीन एवं गायत्री की यह पहली संतान थी जो अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही की भेंट चढ़ गई।

इस विषय में कांग्रेस एवं परिजनों ने मौके पर मौजूद पुलिस उपनिरीक्षक चंद्रमोहन मर्सकोले को ज्ञापन दिया। पोस्टमार्टम के समय एसडीएम अभिषेक चौरसिया एवं एसडीओपी सुनील वरकड़े मौके पर मौजूद रहे। एसडीएम ने इस मौके पर कहा कि प्रभावित परिवार को शासन के नियमानुसार आवश्यक सहायता दिए जाने की कार्यवाही की जा रही है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.